विदा हो सकता है मानसून
मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में रविवार को एक कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून ग्वालियर, चंबल संभाग के कुछ हिस्सों से विदा हो चुका है।
सोमवार तक मध्य प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों से मानसून की विदाई संभव है।
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक रविवार को बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है।
इसके प्रभाव से 15 अक्टूबर से प्रदेश में भी बादल छाने के साथ कहीं-कहीं बौछारें भी पड़ने की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक छिंदवाड़ा में 3.8, धार में 1.2, पचमढ़ी में 0.5 मिलीमीटर बारिश हुई।
साहा ने बताया कि पिछले दो दिन में मध्यप्रदेश में बारिश की गतिविधियों में कमी आई है।
हवाओं का रुख भी बार-बार बदलने लगा है। इस वजह से सोमवार तक दक्षिण-पश्चिम मानसून के मध्यप्रदेश के अधिकांश जिलों से विदा होने की संभावना दिख रही है।
बंगाल की खाड़ी के सिस्टम से बदलेगा मौसम का मिजाज
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में रविवार को एक कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है।
यह सिस्टम समुद्र में और शक्तिशाली होने के बाद 15 अक्टूबर से आगे बढ़ेगा।
इस सिस्टम के दक्षिण भारत के बाद महाराष्ट्र, गुजरात से होकर अरब सागर में जाने की संभावना है।
इसके प्रभाव से 15 अक्टूबर से मप्र में भी नमी आने की संभावना है। जिसके चलते बादल छाएंगे।
साथ ही महाराष्ट्र और गुजरात से लगे मप्र के जिलों में कहीं-कहीं बौछारें भी पड़ सकती हैं।
हालांकि यह बारिश उन किसानों के लिए फायदेमंद रहेगी, जो खरीफ की फसल काट चुके हैं और गेहूं, चने की बोवनी के लिए खेत तैयार करने में लगे हैं।
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