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MP में नया सिस्टम एक्टिव : अगले 4 दिन ओले-तेज आंधी और बारिश

मध्यप्रदेश के कई जिलों में अगले 4 दिन तक ओले-तेज आंधी और बारिश जारी रहेगी।

आज यानी शुक्रवार को भोपाल, इंदौर, जबलपुर-ग्वालियर में बादल छाए रहेंगे, तो नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में बारिश हो सकती है।

मौसम वैज्ञानिकों की मानें, तो नया सिस्टम एक्टिव हो गया है।

हालांकि ये सिस्टम पिछले दो सिस्टम की तरह स्ट्रॉन्ग तो नहीं, लेकिन किसानों की मुश्किलें जरूर बढ़ा सकता है।

 

आज भोपाल-इंदौर में बादल, नरसिंहपुर-छिंदवाड़ा में बारिश

सीनियर मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के एक्टिव होने से प्रदेश के उत्तरी-पूर्वी इलाकों में कहीं-कहीं हल्की बारिश और ओलावृष्टि का असर रहेगा।

भोपाल, ग्वालियर, चंबल, रीवा, सागर, शहडोल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और नर्मदापुरम संभाग में 27 मार्च तक मौसम का असर देखने को मिलेगा।

 

कब, कहां बिगड़ेगा मौसम

24 मार्च : नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला और बालाघाट जिले में गरज-चमक के साथ आकाशीय बिजली गरजने की संभावना रहेगी।

25 मार्च : भोपाल, सीहोर, रायसेन और विदिशा में बादल छाए रहेंगे। वहीं, बिजली गिर भी सकती है।

वहीं, चंबल संभाग के साथ ग्वालियर-दतिया जिलों में कहीं-कहीं, शहडोल-जबलपुर संभाग के सभी जिलों में ओले गिर सकते हैं।

इस दौरान 40 से 50Km प्रतिघंटे की रफ्तार से आंधी भी चल सकती है।

26 मार्च : भोपाल संभाग के जिलों और नर्मदापुरम में ओलावृष्टि के आसार है। आकाशीय बिजली भी गिर सकती है।

रीवा, सागर, चंबल संभाग के साथ ग्वालियर-दतिया में तेज आंधी के साथ बारिश होने की संभावना।

शहडोल-जबलपुर संभाग में ओलावृष्टि के साथ तेज आंधी चलेगी। आंधी की रफ्तार 40 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा रहने की संभावना है।

27 मार्च : प्रदेश के कुछ जिलों में मौसम बदला सा रहेगा।

 

मार्च में दो बार बदल चुका है मौसम…

3 से 9 मार्च के बीच एक्टिव रहा। साउथ वेस्ट राजस्थान में चक्रवात बना था। उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव रहा।

साउथ कोंकण से लेकर सेंट्रल छत्तीसगढ़ तक ट्रफ लाइन गुजरने से सिस्टम और मजबूत हो गया।

इस वजह से 6 से 9 मार्च के बीच मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में आंधी, पानी के साथ ओले गिरे। 43 जिलों पर असर पड़ा।

 

पहले फेज में आंधी, पानी और ओले गिरने से 16 जिलों के 3280 गांव में 1.09 लाख किसान की 1.25 लाख हेक्टेयर की फसल नष्ट हो गई।

इसमें विदिशा जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ।

इसके अलावा रतलाम, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, खरगोन, राजगढ़, रायसेन, धार, बड़वानी, भोपाल, शाजापुर, ग्वालियर, शिवपुरी, श्योपुर और मुरैना में भी गेहूं, सरसों, चना, मसूर समेत अन्य फसलों पर असर पड़ा।

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