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अब अपने खेतों में सब्जी के साथ बिजली पैदा करेंगे किसान

 

सरकार से सब्सिडी भी मिलेगी

 

बिजली का इस्तेमाल किसान अपने खेती-बारी के काम में करेंगे और अधिक होने पर उसे बेच भी सकेंगे.

इससे उनकी आमदनी में इजाफा होगा.

 

वैसे तो किसान अपने खेतों में तरह-तरह की फसल लगाते हैं और अनाज, फल व सब्जियों से लेकर औषधीय पौधों का उत्पादन किया जाता है.

लेकिन अब किसान इन सभी के साथ बिजली भी पैदा करेंगे.

दिल्ली में इसको लेकर तैयारी चल रही है और कुछ एक जगहों पर प्रयोग भी किया जा रहा है.

सरकार की तरफ से इस काम में सरकारी मदद भी मिलेगी और किसानों को सब्सिडी दी जाएगी.

 

बिजली का इस्तेमाल किसान अपने खेती-बारी के काम में करेंगे और अधिक होने पर उसे बेच भी सकेंगे.

इससे उनकी आमदनी में इजाफा होगा. डीडी किसान की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में मुख्यमंत्री कृषि आय बढ़ोतरी परियोजना चल रही है.

इसी के तहत खेतों में सोलर यूनिट्स स्थापित करने का काम शुरू किया गया है. देश में अपनी तरह की यह पहली परियोजना है.

इसके अंतर्गत जमीन से 10 से 15 फीट की ऊंचाई पर सोलर पैनल्स स्थापित किए जाएंगे और इनकी नीचे पहले की तरह ही खेती होती रहेगी.

 

किसानों की बढ़ेगी आमदनी

दिल्ली के उजवा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के बागवानी विशेषज्ञ डॉ राकेश कुमार बताते हैं कि हम 110 किलो वॉट का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए हैं.

गर्मी के मौसम में प्रतिदिन करीब 350 से 400 यूनिट उत्पादन करते हैं और बिजली ग्रिड को भेजते हैं.

कुमार का कहना है कि इससे खेती किसानी के काम में कोई दिक्कत नहीं आती है.

 

पूरी क्षमता से काम शुरू करने के बाद इस संयत्र से 110 किलो वॉट बिजली उत्पन्न हो सकेगी.

पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू हुई परियोजना की सफलता के बाद सरकार की तरफ से किसानों को सब्सिडी भी दी जाएगी.

डॉक्टर राकेश कुमार कहते हैं कि किसान पारंपरिक खेती त्यागकर नकदी फसलों की खेती करते हुए खेतों में सोलर सिस्टम स्थापित करा सकते हैं. इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी.

 

परियोजना की सफलता को लेकर आश्वस्त हैं कृषि विशेषज्ञ

बीते कुछ वर्षों में किसानों की आमदनी में इजाफा करने के लिए काफी प्रयोग किए जा रहे हैं.

किसानों को खेती के साथ ही इससे जुड़े अन्य व्यापार को शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

इसी के तहत खेत में सौर ऊर्जा पैनल स्थापित कर बिजली उत्पादन करने पर भी काम चल रहा है.

भारत में कुछ महीनों को छोड़कर पूरे वर्ष पर्याप्त मात्रा में सूर्य की किरणें धरती पर आती हैं, जिनका सही इस्तेमाल कर किसानों को सशक्त करने की योजना है.

भारत की भौगोलिक स्थिति की वजह से ही कृषि विशेषज्ञ इस परियोजना के सफल होने को लेकर आश्वस्त हैं.

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