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एक साल में ढाई कराेड़ पाैधे तैयार करते हैं पाटीदार

 

परंपरागत खेती में खर्च अधिक और आय कम हाेती थी। यह विचार 18 साल पहले धार जिले के छाेटे से गांव सुंद्रैल के किसान शिवजी पाटीदार के मन में आया।

उन्हाेंने छत्तीसगढ़ के रायपुर में जाकर ड्रिप और बेड बनाकर सब्जी की खेती के गुर सीखे। गांव में नए तरीके से खेती करना शुरू किया।

 

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अब वे एक बड़ी नर्सरी चला रहे हैं। उन्हें फायदा हाेने के बाद आसपास के करीब 100 किसानाें ने भी वैसी ही खेती करना शुरू किया। क्षेत्र में सब्जी का एक बहुत बड़ा बाजार बन गया।

यहां की सब्जियां मध्यप्रदेश, गुजरात एवं महाराष्ट्र के किसान ऑन लाइन बुक करते हैं। पाटीदार के चार एकड़ में पाॅली और चार एकड़ में बने नेट हाउस में 100 से अधिक परिवार के लाेग काम कर आजीविका चलाते हैं।

 

किसानाें काे पाैधे तैयार कर उपलब्ध कराते हैं 

पाटीदार बताते हैं कि 2008-09 में मन में आया कि छोटे पौधे को बड़ा करने में बहुत दिक्कत होती थी, जो बीज लगाते थे उसका जर्मीनेशन 50% के आसपास ही होता था।

स्वयं के खेत के लिए छोटी नर्सरी की स्थापना की। सभी किसानों पौधे तैयार करने में बहुत दिक्कत होती है तो 1 एकड़ में पाॅली हाऊस तथा 1 एकड़ में नेट हाऊस उद्यानिकी विभाग धार की सहायता से स्थापित किया।

 

आज उनके पास 4 एकड़ में पाली और 4 एकड़ में नेट हाऊस है। सभी प्रकार के पौधे लगाते हैं जिसमे टमाटर, मिर्च, पपीता, बेंगन, गोभी एवं सभी प्रकार के उद्यानिकी पौधे लगाते हैं। किसानाें काे भी पाैधे उपलब्ध कराते हैं।

 

इजराइल कंपनी का ऑटाेमेशन लगा है

पाली हाऊस मे इजराइल कंपनी का ऑटोमेशन लगा है जिससे ऑटोमेटिक वातावरण कंट्रोल होता है। इसमें सेंसर लगे होते हैं जिससे किसी भी मौसम में पौधे तैयार करने में आसानी होती है।

पौधों को तैयार करने के लिए कोकोपिट की आवश्यकता होती है जो की जर्मनी से आयात की जाती है। नवंबर 2020 में धार कलेक्टर आलोक कुमार सिंह और तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ संताेष वर्मा ने भी नर्सरी भ्रमण कर सराहना की।

 

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source : dainikbhaskar

 

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