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100वीं किसान रेल को प्रधानमंत्री ने दिखाई हरी झंडी

 

किसानों के लिए पीएम मोदी की बड़ी सौगात

 

किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मोदी सरकार एक के बाद एक कदम उठा रही है. गौरतलब है कि किसानों को कई बार अपनी उपज सही स्थान पर पहुंचाने में दिक्कतें होती हैं. लॉकडाउन के समय तो ये दिक्कत बहुत ज्यादा हुई. किसानों की इसी परेशानी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 100वीं किसान रेल को हरी झंडी दिखाई. जानकारी के लिए बता दें कि यह रेल गाड़ी महाराष्ट्र के संगोला से लेकर पश्चिम बंगाल के शालीमार के बीच चलेगी. इससे पहले से 14 राज्यों में 99 किसान रेल चल रही हैं.

इस किसान रेल के जरिए कई तरह के फल और सब्जियों समेत किसानों की उपज को दूसरी जगह भेजा जाएगा. इसमें कृषि उत्पादनों के खराब होने का डर भी नहीं है क्योंकि ये पूरी तरह से चलता-फिरता कोल्ड स्टोरेज है. भारतीय रेलवे ने 7 अगस्त 2020 को किसान रेल की शुरुआत की थी यानी महज 5 महीनों में ही 100वीं किसान रेल शुरू हो गई हैं. 

 

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इन राज्यों से गुजरेगी 100वीं किसान रेल

आपको बता दें कि ये 100वीं किसान रेल महाराष्ट्र के सांगोला से पश्चिम बंगाल के शालिमार तक चलेगी, जोकि 2100 से ज्यादा किमी की दूरी तय करेगी. ये ट्रेन पांच राज्यों से होकर गुजरेगी जिनमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और पश्चिम बंगाल शामिल हैं.

 

दूसरे ट्रांसपोर्टेशन से बहुत सस्ता है भाड़ा

अगर इस रेल के जरिए किसान अपनी सब्जियों, फलों और अन्य उत्पादनों की ढुलाई करते हैं तो इसका मालभाड़ा ट्रक के मुकाबले करीब 1700 रुपए कम है. इतना ही नहीं, ये एक चलता-फिरता कोल्ड स्टोरेज है जिसकी वजह से फल और सब्जियां खराब नहीं होती जबिक ट्रक और दूसरे रोड ट्रांसपोर्ट से ढुलाई करने पर इनके खराब होने का डर रहता है.

 

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ढुलाई में 50 फीसदी की छूट

भारतीय रेलवे ने अक्टूबर में बताया था कि किसान ट्रेन में फल-सब्जियों की ढुलाई में 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी. यह सब्सिडी ऑपरेशन ग्रीन-टॉप टू टोटल योजना के तहत दी जा रही है.

 

ट्रेन की क्षमता और सुविधाएं

100वीं किसान रेल को 17 टन की क्षमता के साथ डिजायन किया गया है, जोकि रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में बनाई गई है. फसलों को खराब होने से बचाने के लिए किसान ट्रेन में रेफ्रिजरेटेड कोच लगे हुए है यानी यह ट्रेन कंटेनर फ्रीज की तरह हैं. इसमें फल, सब्जियां, दूध,मछली आदि खराब नहीं होंगें.

 

बजट 2020 में हुआ था ऐलान

केंद्र की मोदी सरकार ने बजट 2020 में किसानों की आय दो गुनी करने का लक्ष्य रखा था. इसी लक्ष्य को आगे बढाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में बजट के दौरान किसानों के लिए ट्रेन चलने की घोषणा की थी.

 

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कब और कहां से शुरू हुई थी पहली किसान रेल

आपको बता दें कि देश की पहली किसान रेल 7 अगस्त 2020 को शुरू हुई थी. इसकी शुरूआत महाराष्ट्र से बिहार के लिए की गई थी. पहली किसान रेल महाराष्ट्र के देवलाली स्टेशन से बिहार के दानापुर स्टेशन तक जाती है. अब  इस ट्रेन को बढ़ाकर मुजफ्फरपुर तक के लिए कर दिया गया है. यह ट्रेन करीब 32 घंटों में अपनी यात्रा पूरी करती है.

 

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