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सोयाबीन के भाव में रिकॉर्ड तेजी

 

मंडियों में सोयाबीन का भाव पहुंचा 10,000 रुपये प्रति क्विंटल से भी ऊपर

 

पिछले कुछ दिनों से सोयाबीन के मंडी भाव में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है।

इस सप्ताह सोयाबीन के भाव में आई तेजी से पिछले सभी रिकार्ड टूट गये हैं।

इस सप्ताह सोयाबीन के भाव सरसों और रायडा से आगे निकल गया है।

पिछले कुछ दिनों से मध्य प्रदेश के मालवा अंचल में सोयाबीन का भाव 10,000 रूपये प्रति क्विंटल के भाव से आगे निकल गया है।

सोयाबीन के भाव में आई तेजी से किसानों को काफी फायदा हो रहा है।

 

सोयाबीन का भाव वर्तमान समय में मंडी खुलते ही पिछले सभी रिकार्ड को तोडकर नए रिकॉर्ड बना रहा है।

इस भाव से व्यापारी तथा किसान दोनों हैरान है।

देश में सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3,950 रूपये प्रति क्विंटल है जबकि अभी खुले बाजार में इसकी कीमत 3 गुना तक बढ़ गई है।

सोयाबीन 11,000 रूपये से भी ज्यादा भाव किसानों को मिल रहा है।

 

राज्य की कुछ मंडियों में सोयाबीन का भाव इस प्रकार रहा:-

  • उज्जैन मंडी में – 9,711 रूपये प्रति क्विंटल
  • आलोट मंडी में – 11,111 रूपये प्रति क्विंटल
  • सैलाना मंडी – 10,111 रूपये प्रति क्विंटल
  • दलौदा मंडी – 10,001 रूपये प्रति क्विंटल
  • नीमच मंडी – 10,025 रूपये प्रति क्विंटल

 

लेकिन अधिकांश किसानों के द्वारा सोयाबीन को पहले ही बेच दिए जाने से ज्यादा फायदा नहीं हो रहा है।

मौजूदा समय में कुछ ही किसान हैं जिनको सोयाबीन के बढ़े हुए दम का लाभ मिल रहा है।

अब देखना यह होगा की आने वाले खरीफ सीजन के समय सोयाबीन का भाव क्या रहता है।

कहीं आवक बढने से सोयाबीन का मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे न चला जाए।

 

क्या कारण है सोयाबीन के भाव में तेजी के ?

सोयाबीन के मौजूदा भाव को देखकर सभी लोग हैरान है।

इसका मुख्य कारण नेपाल तथा अन्य देशों से सोयाबीन के आयात में आई कमी तथा सोयाबीन से बनने वाले विभिन्न प्रकार के खाद्ध पदार्थ में तेजी है।

वहीँ देश में सोयाबीन की नई फसल आने में अभी 2 महीने का वक्त है ऐसे में किसानों, तेल संयंत्रों और व्यापारियों के पास सोयाबीन का नहीं के बराबर स्टॉक है जिसके कारण वायदा कारोबार में सोयाबीन के लिए ऊंची बोली लगाई जा रही हैं ।

 

इस वर्ष सोयाबीन के बुआई के रकबे में कमी

देश में सोयाबीन की बुवाई में कमी देखी गई है।

इसका कारण किसानों को सोयाबीन का बीज उपलब्ध नहीं होने तथा मौसम का साथ नहीं देना एवं सोयाबीन का बीज महंगा मिलना आदि है।

जिसका सीधा असर सोयाबीन के बुआई के रकबे पर पड़ा है।

 

9 जुलाई 2021 तक देश में सोयाबीन की 8.2 मिलियन हेक्टेयर भूमि में बुवाई की गई है जो पिछले वर्ष के मुकाबले 11.1 प्रतिशत कम है।

मध्य प्रदेश में 9 जुलाई 2021 तक 3.7 मिलियन हैक्टेयर भूमि में सोयाबीन की बुआई की गई है जो पिछले वर्ष से 9 प्रतिशत कम है।

 

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