राजमाता विजयाराजे कृषि विवि के विज्ञानियों ने दस साल के शोध से विकसित की नई किस्म
सालभर एक जैसा स्वाद देने वाली हरे चने की फसल अगले साल से खेतो में लहलहाएगी। दरअसल, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविधालय के विज्ञानियों की दस साल की म्हणत से तैयार हरे चने की इस किस्म का बीज, बीज विकास निगम तक पहुच गया है।
2021 के रबी के सीजन से पहले इसे किसानो को उपलब्ध करा दिया जाएगा। चने की इस किस्म की खासियत यह है कि फसल तैयार होने पर जो हरे चने का स्वाद आता है, वाही सूखने के बाद भी मिलेगा।
यह चना किसानो की आय बढाएगा।
अन्य चने के मुकाबले इसकी पैदावार चार गुना तक अधिक होगी।
इस किस्म को राज्य विजय ग्राम (आरवीजी-205) नाम दिया गया है।
इसकी बोआई अक्टूबर से मार्च के बीज की जा सकेगी।
फसल 110 दिन में तैयार होगी।
चने की यह किस्म राजमाता विजयाराजे विश्वविधालय के सीहोर रिसर्च सेंटर में तैयार की गई है।
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बीज निगम को भेजा
गुणवत्ता के लिए आरवीजी-205 के नाभिकीय बीज से प्रजनक बीज तैयार करने की प्रक्रिया रिसर्च सेंटर में पूरी करने के बाद इसे बीज निगम को भेज दिया गया है। बीज निगम आधार बीज तैयार करके किसानो को उपलब्ध कराएगा। उम्मीद हे कि यह काम आगामी रबी सीजन से पहले पूरा हो जाएगा।
– डॉ मोहम्मद यासीन, (राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविधालय, ग्वालियर)
source:Naidunia
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