हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

किसानों की गरीबी मिटा सकती है तिल की फसल

ऐसे कमाएं बंपर मुनाफा

 

तिल की बुवाई जुलाई महीने के अंत तक की जा सकती है.

एक हेक्टेयर में तिल की बुवाई के लिए 5 से 6 किलोग्राम बीज की ही जरूरत होती है.

तिल का सबसे अधिक उत्पादन उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में किया जाता है.

 

भारत में बड़े पैमाने पर तिलहन की फसल होती है. कम वक्त में किसानों को ये बढ़िया मुनाफा दे जाती है.

तिल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल तेल बनाने के लिए किया जाता है.

बता दें कि महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडू, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और तेलांगाना में तिल की अच्छी-खासी खेती होती है.

 

कब होती है तिल की बुवाई

तिल की बुवाई जुलाई महीने के अंत तक की जा सकती है. एक हेक्टेयर में तिल की बुवाई के लिए 5 से 6 किलोग्राम बीज की ही जरूरत होती है.

बुवाई से पहले ये ध्यान रखें कि खेतों में नमी जरूर हो. ऐसा न होने पर बुवाई ना करें, वरना फसल सही तरीके से विकास नहीं करेगा.

मिट्टी का पीएच रेंज 5 – 8.0 के बीच होनी चाहिए. इस दौरान खरपतवार का नियंत्रण जरूर रखें.

बुवाई से पहले दो से तीन बार निड़ाई -गुड़ाई करके खेत को अच्छी तरीके से तैयार कर लें.

 

कितनी तापमान की आवश्यकता

इस फसल की खेती के उच्च तापमान की जरूरत होती है तापमान की आवश्यकता होती है.

25-35 डिग्री तापमान के बीच यह फसल अच्छी तरह से विकास करता है.

अगर तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक चला जाता है तो गर्म हवाएं  तिल से तेल की मात्रा को कम कर देती हैं.

वहीं अगर यही तापमान 15 डिग्री से कम चला जाता है तो भी फसल को नुकसान पहुंचता है.

 

लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं किसान

बता दें कि किसान तिल की खेती से कर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं.

खुद किसान तिल से तेल निकाल कर बाजार में बेचकर लाखों का मुनाफा हासिल कर सकता है.

तिल से तेल के कई प्रोडक्ट बनाए जाते हैं. इसकी वजह से बाजार में इसकी कीमतें बेहद अधिक है.

कई बड़ी कंपनियों द्वारा भी किसानों से तिल अच्छी कीमतों पर खरीदें जाते हैं.

यह भी पढ़े : अधिक पैदावार के लिए बुआई से पहले ज़रूर करें बीज अंकुरण परीक्षण

 

यह भी पढ़े : खरीफ फसलों की बीमा-दरें निर्धारित, अंतिम तारीख 31 जुलाई

 

शेयर करे