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गांव में बिजनेस शुरू करने के लिए सरकार दे रही 3.75 लाख

 

खेती-किसानी का काम भी नहीं करना है

 

आमतौर पर किसी भी तरह के लैब को स्थापित करने के लिए लगभग 5 लाख रुपये तक का खर्च आता है.

मगर सरकार सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत लैब लगाने वाले को 75 फीसदी रकम देती है.

 

लोग कहते हैं कि गांवों में क्या रखा है ?

कमाई के सभी अवसर तो बड़े शहरों में ही हैं. मगर सरकार आपको गांव में ही रहकर कमाई करने का मौका दे रही है.

अगर आप कृषि के क्षेत्र में बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने एक योजना शुरू की है. इस योजना से आप ना सिर्फ बिजनेस शुरू कर सकते हैं बल्कि बढ़िया पैसा भी कमा सकते हैं.

तो गांव में जो भी लोग रोजगार की तलाश कर रहे हैं, उनके पास इस योजना से अपना कारोबार शुरू करने का अच्छा अवसर है. 

 

केंद्र सरकार ने सॉइल हेल्थ कार्ड योजना (Soil Health Card Scheme) के नाम से एक स्कीम चलाई है. इसके जरिए गांव के लेवल पर मिनी सॉइल टेस्टिंग लैब स्थापित करनी होती है.

यहां खेत की मिट्टी जांच की जाती है, जिससे बढ़िया कमाई की जा सकती है. देश में इस तरह के लैब फिलहाल बहुत कम हैं. इसलिए इस रोजगार में बहुत संभावनाएं हैं.

 

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क्या होता है इस लैब में ?

लैब में खेत की मिट्टी की जांच करवाकर उसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे पता लगाया जाता है. ताकी ये पता चले की मिट्टी में क्या कमी है और किस फसल के बेहतरीन साबित होगी.

मिट्टी का नमूना लेने, जांच करने एवं सॉइल हेल्थ कार्ड प्रदान कराने के लिए सरकार की ओर से 300 प्रति नमूना दिया जा रहा है.

 

कितना खर्च

किसी भी लैब को स्थापित करने के लिए लगभग 5 लाख रुपये तक का खर्च आता है. मगर सरकार सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत लैब लगाने वाले को 75 फीसदी रकम देती है.

मतलब कि अगर आप लैब स्थापित करना चाहते हैं तो सरकार की ओर से आपको 3.75 लाख रुपये मिल जाएंगे. इसके बाद आपको सिर्फ एक लाख 25 हजार रुपये ही खर्च करने होंगे.

 

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कौन खोल सकता है ये लैब ?

इस योजना के जरिए 18 से 40 वर्ष तक की उम्र वाले ग्रामीण युवा यह लैब खोल सकते है. खोलने वाले को एग्री क्लिनिक, कृषि उद्यमी प्रशिक्षण के साथ द्वितीय श्रेणी से विज्ञान विषय के साथ मैट्रिक पास होना जरूरी है. तभी वो इस स्कीम का लाभ उठा पाएंगे.

 

अगर लैब खोलना है तो ऐसे कर सकते हैं संपर्क

अगर कोई यह लैब खोलना चाहता है तो वो किसान या अन्य संगठन जिले के कृषि उपनिदेशक, संयुक्त निदेशक या उनके कार्यालय में अपना प्रस्ताव दे सकता है.

साथ ही agricoop.nic.in वेबसाइट और soilhealth.dac.gov.in पर भी इसके लिए संपर्क किया जा सकता है.

 

किसान कॉल सेंटर (1800-180-1551) पर भी संपर्क कर अधिक जानकारी ली जा सकती है. सरकार जो पैसे देगी उसमें से 2.5 लाख रुपये जांच मशीन, रसायन व प्रयोगशाला चलाने के लिए अन्य जरूरी चीजें खरीदने पर खर्च करना होगा.

बाकी कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर, जीपीएस की खरीद पर एक लाख रुपये खर्च होंगे. गांव में रहने वाले युवा सरकार की इस स्कीम से अच्छी कमाई कर सकते हैं.

 

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