उन्नतशील प्रजाति बीज
रासायनिक उर्वरकों का अधिक प्रयोग करने से भूमि की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। सड़ी गोबर की खाद का प्रयोग अब नहीं किया जाता है।
मिट्टी की जांच के अनुरूप रासायनिक खादों का प्रयोग तथा उन्नतशील बीज की बुवाई करने के साथ यदि वैज्ञानिक तकनीक से गेहूं की बुवाई की जाए तो निश्चित तौर पर अच्छा उत्पादन किसान पा सकते हैं।
उन्नतशील प्रजाति का चयन
सरपंच समाज कृषि विज्ञान केंद्र परवाहा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अनंत कुमार ने बताया कि गेहूं की अधिक पैदावार लेने के लिए मिट्टी की जांच के साथ ही उन्नतशील प्रजाति का चयन बहुत आवश्यक होता है।
उन्होंने बताया कि गेहूं की प्रमुख अगेती प्रजातियों में से डी.बी.डब्लू-187 (करन बंदना), डी.बी.डब्लू-222 (करन नरेन्द्र), एच.डी.-2967, डी.बी.डब्लू- 3086 प्रमुख है। विलंब से बुवाई यानी 25 दिसंबर तक के लिए डी.वी.डब्ल्यू- 14, मालवीय- 234, एन. डब्लू- 1014, एन डब्लू- 2036 एवं के-7903 हैं।
जबकि उसर भूमि के लिए के.आर.एल.- 210 के.आर. एल.- 213, राज- 3077 लोक वन तथा एन. डब्ल्यू- 1076 की प्रजाति का बीज यहां के मौसम के लिए अनुकूल है।
पंक्ति से पंक्ति की दूरी
बुवाई करते समय पंक्ति से पंक्ति की दूरी 15 से 18 सेंटीमीटर तथा गहराई 5 सेंटीमीटर एवं विलंब से बुवाई के लिए गहराई 4 सेंटीमीटर रखना चाहिए।
लाइन से बुवाई करने पर सामान्य दशा में 25 किलोग्राम से 30 किलोग्राम बीज, 33 किलोग्राम डी.ए.पी, 20 किलोग्राम यूरिया एवं 17 किलोग्राम म्यूरेट आफ पोटाश एक बीघा खेत के लिए पर्याप्त होता है।
छिटकवा विधि से गेहूं की बुवाई करने से ज्यादा बीज लगने से किसानों की आर्थिक क्षति होती है।
हैप्पी सीडर मशीन
धान की फसल का कंबाइन मशीन से कटाई करने के बाद हैप्पी सीडर मशीन से गेहूं की बुवाई करने के कई फायदे हैं।
ऐसा करने से धान के अवशेष (ठूंठ) को जलाना भी नहीं पड़ता और वह सड़कर खाद के रूप में परिवर्तित हो जाता है।
प्रथम सिंचाई के बाद तथा कल्ला निकलते समय 17 किलोग्राम यूरिया का प्रयोग करने के बाद आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहना चाहिए।
खरपतवार नियंत्रण
खरपतवार नियंत्रण के लिए सल्फोसल्फ्यूरॉन 75% डब्ल्यू.पी. की 8.50 ग्राम तथा 75 लीटर पानी का घोल बुवाई के 20 से 25 दिन के अंदर प्रथम सिंचाई के बाद करना आवश्यक होता है।
किसान भाइयों सरपंच समाज कृषि विज्ञान केन्द्र, परवाहा से गेहूं की अधिक उपज देने वाली प्रजाति डी.बी.डब्लू-187 (करन बंदना), डी.बी.डब्लू-222 (करन नरेन्द्र) एवं एच.डी. 2967 किसानों को विक्रय के लिए उपलब्ध है।
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