अब गेहूं की कटाई होगी आसान
गेहूं की कटाई के लिए किसानों को कंबाइन हार्वेस्टर मशीन पर 50% तक का लाभ दिया जा रहा है. जानिए योजना की पात्रता, आवेदन प्रक्रिया, जरूरी दस्तावेज और कीमत की पूरी जानकारी.
देशभर में इस समय रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं की कटाई का कार्य जोरों पर है.
खेतों में दिन-रात मेहनत कर रहे किसानों की सहूलियत के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनका मकसद आधुनिक कृषि उपकरणों को सस्ती दरों पर उपलब्ध कराना है.
खासतौर पर गेहूं जैसी फसलों की कटाई के लिए जरूरी कंबाइन हार्वेस्टर मशीन पर सरकार सब्सिडी मुहैया करा रही है.
इस सब्सिडी का लाभ उठाकर किसान महंगी मशीनों को कम कीमत में खरीद सकते हैं, जिससे उनका समय, श्रम और लागत तीनों की बचत होती है.
क्या है कंबाइन हार्वेस्टर?
कंबाइन हार्वेस्टर एक मल्टी-फंक्शन मशीन है जो फसल की कटाई, थ्रेसिंग (अनाज अलग करना) और कलेक्शन (भंडारण) का काम एक साथ करती है.
गेहूं, जौ, मक्का और सोयाबीन जैसी फसलों के लिए यह मशीन अत्यंत उपयोगी मानी जाती है. इसके इस्तेमाल से किसानों का समय, श्रम और लागत तीनों की बचत होती है.
यही कारण है कि सरकार अब इसे बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी प्रदान कर रही है.
किस योजना के तहत मिलती है सब्सिडी?
कंबाइन हार्वेस्टर पर मिलने वाली सब्सिडी केंद्र सरकार की Sub Mission on Agricultural Mechanization (SMAM) योजना के तहत दी जाती है.
इस योजना के तहत विशेष रूप से छोटे, सीमांत, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसान, महिला किसान तथा अन्य श्रेणियों को मशीनों की खरीद पर सब्सिडी मिलती है.
- SC/ST, महिला और छोटे किसानों को कंबाइन हार्वेस्टर की खरीद पर 50% या अधिकतम 11 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलती है.
- सामान्य वर्ग के किसानों को 40% या अधिकतम 8.80 लाख रुपए तक की सब्सिडी मिलती है.
किन दस्तावेजों की होगी जरूरत?
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- निवास प्रमाण-पत्र
- आय प्रमाण-पत्र
- जमीन के दस्तावेज
- बैंक पासबुक की कॉपी
- आधार से लिंक मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
कैसे करें आवेदन?
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान को https://agrimachinery.nic.in/ पर जाकर आवेदन करना होगा.
आवेदन के समय मशीन की खरीद कृषि विभाग से रजिस्टर्ड डीलर से ही करनी होगी, तभी सब्सिडी मिलेगी.
बाज़ार में कंबाइन हार्वेस्टर की कीमत 5.35 लाख से लेकर 26.70 लाख रुपये तक होती है.
सब्सिडी केवल मशीन के लागत मूल्य पर मिलती है. मशीन पर लगने वाला GST किसान को स्वयं देना होता है.
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