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गन्ना की कीमतों में 25 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी

 

बढ़ेगी किसानों की आय

 

तमाम अटकलों के बाद आखिरकार उत्तर प्रदेश सरकार ने भी गन्ने की कीमत बढ़ाने का ऐलान कर दिया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्ययक्षता में हुई बैठक ये फैसला लिया गया. देखिए प्रदेश में गन्ने की नई दर क्या होगी.

 

उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना की कीमतों में 25 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाने का ऐलान कर दिया है.

अब गन्ना किसानों को 325 की जगह 350 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान किया जाएगा.

सामान्य गन्ने के लिए 315 के बजाय 340 रुपए का भुगतान होगा. हालांकि किसान 400 रुपए प्रति क्विंटल रुपए की मांग कर रहे थे.

 

इससे पहले केंद्र सरकार ने गन्ने की FRP में 5 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाने का ऐलान किया था.

केंद्र सरकार गन्ने की कीमत 290 रुपए प्रति क्विंटल का हिसाब से भुगतान करेगी.

एफआरपी और एसएपी (स्टेट एडवायसड़ प्राइस) क्रमश: केंद्र और प्रदेश सरकारों की व्यवस्था है.

 

 

केंद्र और राज्य सरकारें गन्ने की फसल का एक न्यूनतम मूल्य तय करती हैं.

इस मूल्य या इससे ऊपर ही चीनी मिलें गन्ने की खरीद करने को बाध्य होती हैं.

एफआरपी वह न्यूनतम मूल्य है, जिस पर चीनी मिलों को किसानों से गन्ना खरीदना होता है.

कमीशन ऑफ एग्रीकल्चरल कॉस्ट एंड प्राइसेज (सीएसीपी) हर साल एफआरपी की सिफारिश करता है.

देश के कुल पांच राज्यों में एसएपी व्यवस्था लागू है.

 

‘बसपा की सरकार में औने-पौने दाम पर चीनी मिलें बेची गईं’

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सपा-बसपा की सरकारों नें किसानों की उपज खरीदने की व्यवस्था क्यों नहीं की.

जो आज किसानों के हितैषी बने हैं, वो तब कहां थे. बसपा की सरकार में औने-पौने दाम पर चीनी मिलें बेची गईं.

250 करोड़ की चीनी मिलें 25-30 करोड़ रुपए में बिक गईं. सपा की सरकार में 11 चीनी मिलें बंद हुईं.

 

‘हमारी सरकार ने चालू कराईं मिलें’

उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार में चीनी मिलें बंद नहीं हुईं, बल्कि बंद पड़ी चीनी मिलों को चलाने का काम किया.

2017 में 8 वर्षों से गन्ने का भुगतान बकाया था. पिछली सरकारों में गन्ने का भुगतान नहीं हुआ था, जिससे किसान परेशान था.

चीनी मिलें बंद हो रही थीं. इच्छाशक्ति वाली भाजपा सरकार ने टीमवर्क के साथ काम किया. चीनी मिलों को चालू कराने का काम किया.

जब किसान आत्महत्या कर रहा था, तब सपा, बसपा और कांग्रेस के लोग कहां थे? पिछली सरकारें किसानों के पेट पर लात मार रही थीं.

 

तीन साल बाद बढ़ी एसएपी

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने तीन साल बाद गन्ने की एसएपी में बढ़ोतरी की है.

प्रदेश में इससे पहले गन्ना किसानों को गन्ने की कीमत 310 रुपए, 315 रुपए और 325 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहा था. 

2017 में जब यूपी में योगी सरकार आई थी तब प्रति क्विंटल पर 10 रुपए की बढ़ोतरी हुई थी.

त्तर प्रदेश गन्ना उत्पादन के मामले में प्रदेश का सबसे बड़ा राज्य है.

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