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दवाई में इस्तेमाल होती है इस पेड़ की छाल, पत्तियां और फूल

इस पेड़ को अच्छी तरह से विकसित होने में तकरीबन 5 से 8 साल लगते हैं.

इसकी छाल, पत्तियों और फूल का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाएं बनाने में किया जा सकता है.

इसके अलावा गूलर के लकड़ी का इस्तेमाल फर्नीचर बनाने में होता है.

 

आप भी खेती कर कमा सकते हैं बंपर मुनाफा

कम लागत में बढ़िया मुनाफे के चलते देशभर में गूलर के पेड़ की खेती का रकबा बढ़ा है.

इसके पत्तों, जड़ और फल का इस्तेमाल आयुर्वेद में दवा के तौर पर होता है.

इस पेड़ की छाल और पत्तों के इस्तेमाल से सूजन और दर्द की समस्या से निपटने में मदद मिलती है.

इसके अलावा इसकी पत्तियों का लेप पुराने घावों को ठीक करने में भी मदद करता है.

इस पेड़ की खेती से किसान बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं.

 

कलम विधि से भी कर सकते हैं गूलर के पेड़ की खेती

गूलर के पेड़ को सीधी धूप की जरूरत है.

इस पेड़ की खेती के लिए ऐसी जगह सुनिश्चित करें जहां कम से कम 4-6 घंटे की सीधी धूप मिलती हो.

गूलर का पेड़ फल से तैयार हो सकता है. साथ ही गूलर के पेड़ को कलम से भी तैयार किया जा सकता है.

कलम विधि से पेड़ लगाने के लिए कलम को गूलर के पेड़ से काटे. फिर कलम की सारी पत्तियां तोड़ दें.

 कलम के निचले हिस्से की शार्प कटिंग करें.

 

नर्सरी से भी पेड़ खरीद कर कर सकते हैं इस पेड़ की खेती

कलम को पौधे में तैयार करने के लिए इसे गमले में लगाए.

इसके लिए गोबर खाद और मिट्टी को अच्छी तरह मिला लें फिर उसे गमले में भर दें.

फिर कलम को गमले में लगा दें. गमले को ऐसी जगह रखें, जहां 4-6 घंटे की सीधी धूप मिले.

कलम जब पौधा बन जाए तो इसे बगीचे में लगा दें.

इसके अलावा नर्सरी से एक अच्छी तरह से विकसित गूलर का पौधा भी खरीदा जा सकता है और इसे बगीचे में लगाना सबसे अच्छा माना जाता है.

 

बढ़िया है मुनाफा

गूलर के पेड़ को पानी देना कोई ऐसी चीज नहीं है जिसके बारे में आपको चिंता करने की जरूरत हो.

छोटे होने पर पौधे को 3-5 दिनों में एक बार पानी दें. इस पेड़ को अच्छी तरह से विकसित होने में तकरीबन 5 से 8 साल लगते हैं.

इसकी छाल, पत्तियों और फूल का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाएं बनाने में किया जा सकता है.

इसके अलावा गूलर की लकड़ी का इस्तेमाल फर्नीचर बनाने में होता है. इस पेड़ की खेती से कम वक्त में बंपर मुनाफा कमाया जा सकता है.

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