मनासा
किसान को बीमा और मुआवजा
किसान को बीमा और मुआवजा मिल जाए। जितना नुकसान हुआ वह पूरा लिखना है। सबका सर्वे होगा।
किसी किसान के खेत तक पटवारी सर्वे दल नहीं पहुंचे तो उसकी सूचना एसडीएमए तहसीलदार को करें।
किसान को बीमा और मुआवजा मिल जाए। जितना नुकसान हुआ वह पूरा लिखना है। सबका सर्वे होगा।
किसी किसान के खेत तक पटवारी सर्वे दल नहीं पहुंचे तो उसकी सूचना एसडीएमए तहसीलदार को करें।
पटवारी, राजस्व, कृषि, उद्यानिकी संयुक्त टीम सर्वे का काम कर रही है। जल्द सर्वे पूरा होगा और नुकसानी का आकलन कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
आंकलन की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को प्रस्तुत की जाएगी
उक्त बात विधायक अनिरुद्ध मारू ने ओला वृष्टि प्रभावित क्षेत्र के दौरा कार्यक्रम के दौरान किसानों से कही।
उल्लेखनीय है कि नौ मार्च को विधानसभा के बनी, बरथुन, महागढ़, लोड़किया, नलखेड़ा, अचलपुरा, अरनिया माली, बामनी, ढाकनी, चुकनी, सांडिया, सहित कई क्षेत्र में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि हुई।
इससे खेतों में खड़ी फसल नष्ट हो गई। इस अवसर पर तहसीलदार एमएल वर्मा, कृषि विस्तार अधिकारी ताहिर अली शेख, उद्यानिकी विभाग जितेंद्र धाकड़, बीटीएम आरएस लोधा सहित हल्का पटवारी और पंचायत सचिव उपस्थित थे।
विधायक मारू ने उपस्थित दल को निर्देशित किया कोई भी किसान सर्वे से वंचित नहीं रहे, इसका विशेष ध्यान रहे।
हर फसल रकबा अलग-अलग हो। नुकसानी के आंकलन की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को प्रस्तुत की जाएगी।
नुकसानी की क्षतिपूति मिले और प्रभावित किसानों को राहत मिले। यही हमारा प्रयास है।
पटवारी को सख्त निर्देश
तुमड़ा में किसानों का कहना था कि बारिश एवं ओलावृष्टि से नुकसान हुआ लेकिन पटवारी गोविंद सिंह सिर्फ एक बार गांव में बाइक लेकर आया और कहकर चला गया कोई नुकसान नहीं हुआ।
इस पर विधायक मारू ने नाराजगी जताई और तहसीलदार एमएल वर्मा को निर्देशित किया सोमवार तक तुमड़ा में सभी किसानों का सर्वे नही होने पर पटवारी के खिलाफ कार्रवाई करे।
यही स्थिति लुमड़ी में मिली। ओलावृष्टि के दूसरे दिन ही कलेक्टर ने सर्वे के आदेश जारी कर दिए थे।
लेकिन पटवारी अरुण मेघवाल अभी तक खेतों में नहीं पहुंचा। इसकी शिकायत किसानों ने विधायक मारू से की।
इस पर भी विधायक मारू ने नाराजगी जताते हुए सोमवार तक सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
source : naidunia
यह भी पढ़े : गेहूं की कटाई के बाद 60 से 65 दिन में आने वाली ग्रीष्मकालीन उड़द की खेती
यह भी पढ़े : फसल बीमा योजना की त्रुटियों के लिए बैंक जिम्मेदार होंगे
शेयर करे