RTI से सामने आया चौंकाने वाला सच
पीएम किसान की 11वीं किस्त तक किसानों की संख्या दो-तिहाई रह गई है. 3 साल में 68% की गिरावट भी दर्ज हुई है.
ये कृषि मंत्रालय के आंकड़े हैं, जो एक आरटीआई में विस्तार से बताए गए हैं.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 12वीं किस्त किसानों के बैंक खाते में पहुंच चुकी है.
अब साल 2023 में किसानों को 13वीं किस्त जारी करने की योजना है.
इस बीच आरटीआई एक्टिविस्ट कन्हैया कुमार की आरटीआई सुर्खियों में बनी हुई है, जिससे यह साफ हुआ है कि पीएम किसान सम्मान निधि पाने वाले किसानों की संख्या पहली किस्त से लेकर 11वीं किस्त तक दो-तिहाई रह गई है.
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दर्ज है, जो मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आई है.
आंकड़ों के मुताबिक, पीएम किसान योजना के लाभार्थियों की संख्या 11.84 करोड़ से घटकर 3.87 करोड़ रह गई.
3 सालों में 68% तक कम हो गई है. 11वीं किस्त तक लाभार्थी किसानों की संख्या 3.87 करोड़ दर्ज हुई है.
बता दें कि पीएम किसान योजना के तहत योग्य किसान को साल में 6,000 रुपये की मदद दी जाती है, जो दो-दो हजार रुपये की तीन किस्तों में सीधा किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर होती है.
केंद्र का कहना है कि पीएम किसान योजना के तहत परिवारों को अब तक 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक मिल चुके हैं.
घट गई किसानों की संख्या
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना पर कृषि मंत्रालय की एक रिपोर्ट से यह पता चला है कि सिर्फ 3.87 करोड़ किसानों को ही 11वीं किस्त के 2,000 रुपये मिले.
ये किस्त मई-जून 2020 में किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर की गई थी. वहीं फरवरी 2019 में 11.84 करोड़ किसानों को पहली किस्त दी गई.
कृषि मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 9.87 किसानों को 6वीं किस्त, 9.30 किसानों को 7वीं किस्त, 8.59 किसानों को 8वीं किस्त, 7.66 किसानों को 9वीं किस्त और 6.34 किसानों के बैंक में 10 वीं किस्त भेजी गई है.
हर राज्य से पीएम किसान योजना का लाभ लेने के वाले किसानों की संख्या कम हुई है, जिसके आंकड़े नीचे दिए गए हैं.
राज्य | पहली किस्त
(लाख में) |
11वीं किस्त
(लाख में) |
किसानों की संख्या में कमी
(प्रतिशत में) |
आंध्र प्रदेश | 55.68 | 28.2 | 49.35 |
बिहार | 83.38 | 6.83 | 91.81 |
छत्तीसगढ़ | 37.7 | 2 | 94.69 |
गुजरात | 63.13 | 28.41 | 55.00 |
हरियाणा | 19.73 | 11.59 | 41.26 |
महाराष्ट्र | 109.98 | 37.51 | 65.89 |
मध्य प्रदेश | 88.63 | 0.12 | 99.86 |
मेघालय | 1.95 | 0.0063 | 99.68 |
पंजाब | 23.34 | 11.31 | 51.54 |
उत्तर प्रदेश | 206 | 126 | 38.83 |
पश्चिम बंगाल | 45.63 | 0 | 100.00 |
असम | 28.79 | 2.54 | 91.18 |
दिल्ली | 0.17 | 0.027 | 84.12 |
हिमाचल प्रदेश | 9.86 | 5.43 | 44.93 |
जम्मू-कश्मीर | 12.07 | 5.61 | 53.52 |
झारखंड | 27.07 | 4.17 | 84.60 |
कर्नाटक | 55.61 | 2.58 | 95.36 |
केरल | 36.99 | 24.23 | 34.50 |
उड़ीसा | 39.2 | 7.05 | 82.02 |
तमिलनाडु | 46.8 | 23.04 | 50.77 |
तेलंगाना | 39.1 | 24.32 | 37.80 |
सरकार ने जारी किया बयान
आरटीआई में जारी पीएम किसान योजना के आंकड़ों को लेकर कृषि मंत्रालय ने भी बयान जारी किया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कृषि मंत्रालय ने साफ तौर पर कहा है कि पीएम किसान योजना दुनिया की सबसे बड़ी डायरेक्ट ट्रांसफर स्कीम्स में से एक है, जिससे उच्च आय वर्ग के किसान और किसान परिवारों को बाहर रखा गया है.
इस योजना से जुड़े आंकड़े तैयार और अपलोड करने की जिम्मेदारी राज्यों की है.
इस योजना के तहत किसानों के आंकड़े तैयार करने के लिए कई चीजें मायनें रखती हैं.
किसानों की योग्यता को सिद्ध करने के लिए डिजिटल तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है.
इस तरह किसानों की योग्यता का सत्यापन करके ही राज्य और केंद्र शासित प्रदेश आंकड़े जारी करते हैं.
इस काम में यूआईडीएआई, पीएफएमएस, आयकर पोर्टल और एनपीसीआई के पोर्टल के माध्यम से गुजरना होता है.
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