फसलों को नुकसान
अक्टूबर माह में हुई एवं हो रही वर्षा से खरीफ की फसलों को नुकसानी बढ़ने की आशंका व्यक्त की जाने लगी है।
अब बाजार में चर्चा है कि मानसून 17 अक्टूबर के बाद ही विदाई लेगा।
जिन क्षेत्रों में वर्षा हो रही है, उससे कम या अधिक नुकसानी होना तय है। इसके अलावा रबी सीजन की बोवनी भी लेट हो रही है।
नुकसान होना स्वाभाविक
मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार देश के विभिन्न राज्यों में पिछले कुछ दिनों से हो रही वर्षा का दौर अभी जारी है।
देखना यह है कि यह अगले एक-दो दिन में थमती है या नहीं।
पिछले दिनों हो रही वर्षा से खरीफ फसलों को नुकसान होने की आशंका घर कर गई है।
मौसम विभाग का कहना है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के प्रस्थान करने की प्रक्रिया इस बार काफी लेट हो गई है।
इस वजह से अनेक राज्यों को कम या अधिक वर्षा का सामना करना पड़ रहा है।
सामान्यतः अक्टूबर माह फसलों की कटाई तैयारी का माना जाता है, यह समय धान, मूंग, उड़द, ज्वार, बाजरा, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली एवं कपास जैसी फसलें लगभग तैयार हो चुकी होती है अथवा तैयार होने का समय होता है।
ऐसे समय वर्षा से फसलों को नुकसान होना स्वाभाविक है।
कटाई में भी देरी
भारी वर्षा से मंडियों में कारोबार भी प्रभावित होने की संभावना है।
मध्यप्रदेश में सोयाबीन की फसल कुछ मात्रा में खराब होने के साथ कटाई में भी देरी हो रही है।
इसके अलावा दक्षिण भारत में भी पिछले दिनों वर्षा का दौर शुरू हो गया है।
भाव लगभग स्थिर…
तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक एवं तमिलनाडु में जोरदार वर्षा से फसलों को कितना नुकसान हुआ है और कितना होगा, इसका आंकलन करने में अभी समय लगेगा, किंतु नुकसानी निश्चित हो रही है।
दलहनों के भावों में लगभग स्थिरता आ गई है। ऊंचे भावों पर लेवाली अटकने लगती है।
राजस्थान में मूंग मोगर के भावों में तेजी लाई गई थी, ग्राहकी ठप पड़ने पर पुनः 100 रुपए कम किए हैं।
मूंग की आवक नागौर में 15 से 20 हजार एवं मेड़ता में 10 हजार कट्टे की रही।
नागौर में मूंग मोगर क्वालिटी 6600 से 6700 दाल क्वालिटी 6800 एवं पालिश क्वालिटी 7050 रुपए के भाव बताए गए।
दालों के भाव लगभग स्थिर रहे। गेहूं में मैदा मिलों की मांग पुनः शुरू हो गई।
आए दिन 10-10 रुपए बढ़ाकर लेवाल बनते जा रहे हैं। मौसम खुलने पर मक्का की आवक बढ़ सकती है।
डॉलर की आवक 3000 बोरी
इंदौर मंडी में डॉलर चने की आवक पुनः बढ़कर 3000 रुपए हो गई है।
किसानों को उत्पादन के अच्छी कीमत उपज रही है। इससे आशा है कि रबी में बोवनी का रकबा बढ़ना संभव है।
नीलामी में बिटकी 5800 से 6400 डॉलर चना एवरेज 6000 से 9500 मध्यम 9600 से 10700 बोल्ड 10800 से 11000 रुपए।
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