रबी फसलों की बुआई का काम जोरों पर चल रहा है, ऐसे में किसान कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें इसके लिए कृषि विभाग द्वारा किसानों को लगातार सलाह दी जा रही है।
इस कड़ी में एमपी के सीहोर जिले के कृषि विभाग द्वारा किसानों को डीएपी की जगह एनपीके खाद का उपयोग करने की सलाह दी गई है।
एनपीके खाद का उपयोग
कृषि विभाग के मुताबिक बेसल डोज के रूप में कृषकों को डीएपी, एनपीके एवं एसएसपी उर्वरक की आवश्यकता होती है।
वर्तमान में शासन द्वारा उर्वरक की आपूर्ति की जा रही है। रबी फसलों के लिए कृषक डीएपी उर्वरक का अधिक उपयोग करते है।
किसान करें एनपीके उर्वरक का उपयोग
कृषि विकास विभाग ने बताया कि किसान रबी फसलों के लिए बेसल डोज के रूप में एनपीके उर्वरक जैसे- 12.32.16 एवं 20.20.0.13 आदि डीएपी के स्थान पर एक अच्छा विकल्प है।
एनपीके का उपयोग करने से फसलों में एक साथ तीन तत्वों नत्रजन, फास्फोरस एवं पोटाश की पूर्ति सुनिश्चित करता है जबकि डीएपी उर्वरक से मात्र दो तत्वों नत्रजन, फास्फोरस की ही पूर्ति होती है।
इस प्रकार डीएपी के स्थान पर एनपीके का उपयोग किसानों के लिए लाभकारी है।
इसके अतिरिक्त किसान भाइयों से अपील है कि, मृदा परीक्षण के आधार पर जारी मृदा स्वास्थ्य कार्ड में की गई अनुशंसा के अनुरूप ही उर्वरकों का संतुलित उपयोग करें।
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