टाईन टाइप कल्टीवेटर की विशेषताएँ, बनावट और सब्सिडी की जानकारी

कल्टीवेटर एक ट्रैक्टर की सहायता से चलने वाला कृषि यंत्र है, जिसका उपयोग खेत की जुताई करने में किया जाता है। इस यंत्र की मदद से किसान मिट्टी के ढेलों को बारीक करके भुरभुरा बना सकते हैं।

कल्टीवेटर की मदद से किसान न केवल खेत को विभिन्न फसलों की बुआई के लिए तैयार कर सकते हैं बल्कि इस यंत्र का उपयोग खरपतवारों के नियंत्रण में भी किया जाता है।

अधिक से अधिक किसान कल्टीवेटर का उपयोग कर सकें इसके लिए सरकार द्वारा इस पर सब्सिडी भी उपलब्ध काराई जाती है।

 

टाईन टाइप कल्टीवेटर

कल्टीवेटर में एक फ्रेम, रिवर्सिबल शॉवल द्वारा जड़ित टाइन 3-पॉइंट हींच सिस्टम और हेवी ड्यूटी स्प्रिंग से बना होता है। इस तरह के कल्टीवेटर स्प्रिंग के साथ या स्प्रिंग के बिना भी हो सकते हैं।

जब कोई कड़ा पदार्थ शॉवल या टाइन के संपर्क में आता है तो यह स्प्रिंग कल्टीवेटर टाइन को टूटने से बचाते हैं।

शॉवल तेज तापमान प्रक्रिया द्वारा निर्मित उच्च क्वॉलिटी के लोहे से निर्मित होते हैं जो लंबे अरसे तक चलते हैं।

यह ट्रेक्टर को जोड़कर चलाया जाता है तथा ट्रेक्टर के हाइड्रोलिक सिस्टम द्वारा नियंत्रित किया जाता है।

बात की जाये कल्टीवेटर की बनावट की तो इसकी लंबाई 1960 से लेकर 3000 मिमी तक, चौड़ाई 970 से 1560 मिलीमीटर एवं ऊँचाई 1070 से लेकर 1350 मिलीमीटर तक होती है। वहीं इसमें 9 से 13 टाईन तक लगे हो सकते हैं।

स्प्रिंग वायर का व्यास (मोटाई) 9.5 मिलीमीटर होता है। कल्टीवेटर को 35 हॉर्स पॉवर या इससे अधिक पॉवर के ट्रेक्टर से आसानी से खेतों में चलाया जा सकता है।

 

कल्टीवेटर का उपयोग

  • टाईन टाइप कल्टीवेटर का उपयोग मुख्य रूप से शुष्क एवं आद्र मिट्टी पर बिजाई हेतु भूमि तैयार करने के लिए किया जाता है।
  • इस यंत्र में एक लोहे के फ्रेम में छोटे-छोटे नुकीले खुरपे लगे होते हैं। जिन फसलों की पंक्तियों में निश्चित दूरी पर बुआई होती है, उनकी निराई गुड़ाई करने के लिए कल्टीवेटर बहुत उपयोगी है।
  • कल्टीवेटर से निराई का कार्य करने के लिए फसलों को पंक्ति में बोना आवश्यक है। पंक्तियों की चौड़ाई के अनुसार कल्टीवेटर के खुरपों की आपसी दूरी को कम या अधिक किया जा सकता है, जिसके लिये लीवर का प्रबंध रहता है या बोल्ट की सहायता से चौड़ाई को कम या अधिक किया जा सकता है।
  • जूते हुए खेत में कल्टीवेटर का प्रयोग करने से खेत की घास समाप्त होती है, मिट्टी भुरभुरी हो जाती है तथा मिट्टी में नीचे दवे हुए ढेले ऊपर आकर टूट जाते हैं।
  • इसका प्रयोग पैडलिंग के लिए भी किया जाता है।

 

कल्टीवेटर पर दिया जाने वाला अनुदान (Subsidy)

केंद्र सरकार द्वारा देशभर में सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन योजना चलाई जा रही है।

योजना के अंतर्गत किसानों को टाईन टाइप कल्टीवेटर पर अनुदान दिया जाता है।

योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु, सीमांत एवं महिला किसानों को कृषि यंत्र की कीमत पर 50 प्रतिशत एवं अन्य वर्ग के किसानों को 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है।

वहीं कुछ राज्य सरकारों के द्वारा अलग-अलग योजनाओं के तहत 40 से 80 प्रतिशत तक की भी सब्सिडी दिये जाने का भी प्रावधान है।

 

कल्टीवेटर की कीमत Cultivator Price

बाज़ार में कई कंपनियों के टाईन टाइप कल्टीवेटर उपलब्ध है, जिनकी कीमत 25,000 रुपये से लेकर 50,000 रुपये तक है।

किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार अपने नजदीकी डीलर या निर्माता से मोल भाव कर यह यंत्र खरीद सकते हैं।

वहीं किसान यदि सरकारी योजना के तहत कल्टोवेटर खरीदना चाहते हैं तो वे किसान अपने ब्लॉक या जिले के कृषि विभाग में आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन कर सकते हैं।

जिसके बाद यदि किसान का चयन यंत्र खरीदने के लिए हो जाता है तब किसान अनुदान पर कल्टीवेटर खरीद सकते हैं।

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