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गेहूं की अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए करें इस तारीख से पहले बुवाई

 

भारत में गेहूं की खेती व्यापक रूप से की जाती है.

 

गेहूं को समशीतोष्ण से लेकर उष्णकटिबंधीय और ठंडे उत्तरी भागों तक की जलवायु में उगाया जाता है.

इसके अलावा, समुद्र तल पर जमीन से लेकर 3300 मीटर की ऊंचाई तक कहीं भी इसकी खेती की जा सकती है.

ऐसे में गेहूं की खेती करने वाले किसानों के खास खबर है.

जैसा की हम सभी जानते हैं कि नवंबर माह चल रहा है और यह महीना गेहूं की बीज की बुवाई के लिय उचित माना जाता है.

 

गेहूं की अच्छी उपज के लिए करें 20 नवंबर से पहले बुवाई

दरअसल, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों के अनुसार, अगर किसान गेहूं की अच्छी उपज प्राप्त करने चाहते हैं तो वह गेहूं की बीज की बुवाई 20 नवंबर से पहले कर लें.

जिससे गेहूं की फसल से अच्छी पैदावार प्राप्त हो सकती है.

वैज्ञानिकों का कहना है की गेहूं की समय से बुवाई करने पर गेहूं की फसल में उचित मात्रा में प्रोटीन मिल जाता है एवं गेहूं की फसल में बीज का अंकुरण भी अच्छा होता है.

इसके साथ ही वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि किसान गेहूं की बीज की बुवाई देरी से करते हैं तो उनकी फसल की पैदावार काफी प्रभावित हो सकती है.

गेहूं की देर से बुवाई करने से गेहूं के दाने में वजन की कमी आ जाती है. 

 

गेहूं की खेती के लिए करें उन्नत किस्मों का चयन

यदि किसान भाई गेहूं से अच्छा पैदावार प्राप्त करने चाहते हैं, तो वह गेहूं की उन्नत किस्मों का ही चयन कर उनकी खेती करें.

आइये जानते हैं गेहूं की कुछ किस्मों के नाम जो अच्छी उपज के साथ – साथ बंपर पैदावार दे सकती है.

 

जिसमें पहला नाम डीबीडब्ल्यू-222 या करण नरेंद्र है. इस किस्म की खासियत है कि यह 143 दिन में पककर तैयार हो जाती है.एवं 61 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से पैदावार देती हैं.

इसके अलावा, गेहूं की अन्य किस्में जैसे डीबीडब्ल्यू-187 एनडब्ल्यूपीजेड, डीबीडब्ल्यू-187 एनईपीजेड, डीबीडब्ल्यू-252 और डीबीडब्ल्यू 47 हैं जो गेहूं की अच्छी उपज के लिए उचित मानी जाती हैं.     

गेहूं की अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए किसान वैज्ञानिकों द्वारा दी जानकारी को फॉलो करें .

इससे किसनों की न सिर्फ फसल उप्तादन अच्छा होगा बल्कि आय में भी इजाफ़ होगा.

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