बाकी सब्जियां भी हुईं महंगी
बाजार में सबसे सस्ता अभी कद्दू यानी लौकी है जो 500 से 800 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिक रहे है.
खुदरा में 20 से 30 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा है.
विदेशी बाजारों में कच्चा तेल महंगा होने से आम आदमी पर महंगाई का पहाड़ टूट पड़ा है.
रोजमर्रा के सामनों की कीमतें तेजी से बढ़ने लगी है. देश की राजधानी में सब्जियों के दाम कुछ ही दिनों में दो से ढाई गुना तक बढ़ गए है.
एशिया की सबसे बड़ी सब्जी मंडी आजादपुर के कारोबारियों का कहना है कि अक्टूबर महीने की शुरुआत में हुई बारिश और डीजल की बढ़ती कीमतों ने सब्जियों के दाम बढ़ाए हैं.
हालांकि, आने वाले दिनों में इससे राहत मिलेगी क्योंकि दिल्ली जैसे बड़े शहरों में अब आवक सामान्य हो गई है.
किलो की जगह अब पाव भर टमाटर ही खरीद रहे लोग
मयूर विहार में रहने वाली मोना सिंह की सोसायटी में शनिवार को माता की चौकी है, सब्जियों के बारे में वे बता रही हैं कि कद्दू की कीमत दो सप्ताह पहले तक 30 से 40 रुपये किलो थी और अब वही कद्दू 50 रुपये प्रति किलो के भाव पर मिल रहा है.
टमाटर थोक में 80 रुपये किलो है. गोभी 80 रुपये किलो. दिल्ली के अलग-अलग मोहल्लों में लगने वाले साप्ताहिक बाजार में सब्जियों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
इसके कारण कम से कम एक किलो सब्जी खरीदने वाले लोग अब सिर्फ एक पाव में ही काम चला रहे हैं.
कब तक सस्ती होंगी सब्जियां
आजादपुर सब्जी मंडी के सचिव राजीव कुमार परिहार ने टीवी9 डिजिटल को बताया कि आजादपुर सब्जी मंडी में आने वाली सब्जियों की आवक में कोई कमी नहीं है.
पिछले साल की तरह इस साल भी इस मौसम में जैसे सब्जियां आती रही हैं, वैसे ही आ रही है.
कुछ सब्जियां तो पिछले महीने की तुलना में और ज्यादा आ गई हैं.
राजीव कुमार परिहार बता रहे हैं कि थोक बाजार में तो कुछ सब्जियों की कीमत बहुत ही कम है.
अब मौसम भी बदलने लगा है जल्दी ही कीमतें और कम हो जाएंगे.
गाजीपुर सब्जी मंडी में कारोबार करने वाले बताते हैं कि इसके लिए सिर्फ बारिश को दोष नहीं देना चाहिए, डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.
इसलिए सामान की माल ढुलाई की किराए में भी रोजाना वृद्धि हो रही है.
इसके कारण ही थोक बाजार में हम लोग महंगे दामों पर सब्जियां बेचने को मजबूर हैं.
लेकिन इसके बाद भी फायदा बहुत कम हो रहा है.
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