10 सरकारी योजनाएं
भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि की महत्वपूर्ण भूमिका है और किसानों की महत्वता को समझते हुए केंद्र व राज्य सरकारों किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में जुटी हुई है।
केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में लगातार नई-नई योजनाएं लांच कर रही है तथा पुरानी योजनाओं के माध्यम से अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है।
इस पोस्ट में आपको टॉप 10 सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई है जिनसे किसानों की किस्मत बदल गई है।
जिन किसानों ने अभी इन योजनाओं का फायदा नहीं उठाया वे फायदा उठा सकेंगे।
भारत की टॉप 10 सरकारी योजनाएं
सबसे पहले हम आपको बता दें कि कृषि और संबद्ध क्षेत्र देश की 60 प्रतिशत आबादी को प्रत्यक्ष रोजगार मुहैया कराता है।
वर्तमान में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कृषि का योगदान 13.6 प्रतिशत है जबकि सन् 1950-51 में यह करीब 51 प्रतिशत था।
यहां आपको किसान कर्ज माफी योजना, किसान ऊर्जा मित्र योजना, कृषि इनपुट अनुदान योजना, किसान पेंशन योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, फसल नुकसान मुआवजा योजना, कृषक बंधु योजना, वाटर टैंक योजना, बीज वितरण योजना, कृषक बंधु योजना, वाटर टैंक योजना, बीज वितरण योजना, पीएम कुसुम योजना से मिलने वाले फायदे बताए जा रहे हैं।
किसान कर्ज माफी योजना
केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार 31 मार्च 2021 तक देश के किसानों पर 16 लाख 80 हजार 367 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है।
देश के 12 राज्यों में किसान कर्ज माफी योजनाएं चल रही है। इन राज्यों मेें उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, पंजाब, तमिलनाडू, जम्मू एवं कश्मीर, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंधप्रदेश, पंडुचेरी शामिल है।
कृषि कर्जमाफी की योजनाओं से करीब 3.65 करोड़ किसानों को फायदा मिला है।
किसानों का कुल 1,59,589.14 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया है।
कृषि इनपुट अनुदान योजना
प्राकृतिक आपदा की वजह से फसलों में नुकसान होने पर किसानों को कृषि इनपुट सब्सिडी योजना के तहत सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
कृषि इनपुट योजना का संचालन केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा किया जाता है। इस योजना का लाभ केवल केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा अधिसूचित आपदाओं के कारण फसल नुकसान पर मिलता है।
असिंचित क्षेत्र में आपदा आने पर 6800 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से सहायता दी जाती है जबकि सिंचित क्षेत्र के किसानों को 13 हजार 500 रुपए मिलते हैं।
यह सहायता राशि अधिकतम 2 हेक्टेयर भूमि के लिए मिलती है।
इसके अलावा फसल क्षेत्र के लिए कृषि इनपुट सब्सिडी योजना के तहत न्यूनतम एक हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
किसान पेंशन योजना
किसान पेंशन योजना के माध्यम से देश के छोटे एवं सीमांत किसानों को 60 साल की उम्र के बाद पेंशन देने की व्यवस्था की गई है।
पीएम किसान मानधन योजना को किसान पेंशन योजना के नाम से भी जाना जाता है।
इस योजना में 18 साल से 40 साल तक के किसानों को प्रीमियम के रूप में मामूली सी राशि प्रतिमाह निवेश करनी होती है।
जितनी राशि किसान निवेश करता है उतनी ही राशि सरकार निवेश करती है और किसान को 60 साल बाद 3 हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलती है।
इस योजना के तहत अगर पॉलिसी धारक की मौत हो जाती है तो उसकी पत्नी को 50 प्रतिशत पेंशन मिलती रहेगी।
पॉलिसी को बीच में छोडऩे पर मूल रकम व साधारण ब्याज मिलता है।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना
किसान क्रेडिट कार्ड योजना बहुत लोकप्रिय योजना है। इस योजना में किसानों को न्यूनतम ब्याजदर पर लोन दिया जाता है।
किसान बैंकों से अधिकतम 3 लाख रुपए तक का लोन ले सकता है। 1.60 लाख रुपए के लोन पर किसी भी प्रकार की सिक्योरिटी नहीं मांगी जाती है।
किसान क्रेडिट कार्ड से लोन लेने वाले किसानों को फसल बीमा योजना का भी लाभ मिलता है।
साथ ही स्थायी विकलांगता व मृत्यु पर बीमा कवरेज मिलता है। इस योजना में ऋण भुगतान की अवधि फसल कटाई या व्यापार अवधि के आधार पर तय की जाती है।
योजना का फायदा उठाने के लिए किसानों को बहुत कम दस्तावेज जमा कराने होते हैं।
फसल बर्बाद होने की स्थिति में पुर्नभुगतान की अवधि को बढ़ाया जा सकता है।
फसल नुकसान मुआवजा योजना
भारतीय कृषि मौसम पर सबसे ज्यादा निर्भर है। सामान्यत: किसानों की फसल अतिवृष्टि, अनावृष्टि, ओलावृष्टि, सूखा, रोगों के प्रकोप के कारण खराब हो जाती है।
किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा देने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2016 से संचालित है।
इस योजना के तहत किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा दिया जाता है।
खरीफ की फसल के लिए 2 फीसदी, रबी के लिए 1.5 प्रतिशत तथा बागवानी फसलों के लिए 5 फीसदी प्रीमियम जमा कराना होता है।
किसान ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन कर सकता है। प्राकृतिक कारणों से फसल बर्बाद होने पर किसानों को नुकसान का मुआवजा मिलता है।
बीज वितरण योजना
खेती की लागत को कम करने के लिए सरकारें किसानों के लिए बीज वितरण योजना भी चलाती है।
बीज वितरण योजनाएं अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से संचालित है।
बीज वितरण योजना के तहत बीज ग्राम योजना सबसे लोकप्रिय है। यह केंद्र सरकार की योजना है और वर्ष 2014-15 से चल रही है।
बीज ग्राम योजना के अंतर्गत किसानों को बीजों के उत्पादन के लिए सब्सिडी दी जाती है।
किसानों को बीज पर 25 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है।
इसके आलावा उन्नत बीजों के उत्पादन के लिए खाद, दवा और उपयोग में आने वाले कृषि यंत्रों पर भी सरकार से सब्सिडी मिलती है।
पीएम कुसुम योजना
पीएम कुसुम योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को मुफ्त में बिजली उपलब्ध कराकर उनकी कृषि लागत को कम करना है।
योजना के तहत किसानों को सिंचाई के लिए सोलर पैनल की सुविधा दी जाती है।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के जरिये किसान को दोहरा फायदा होता है एक तो उनकी आमदनी में भी बढ़ोतरी होती है, साथ ही किसान अधिक बिजली बनाकर ग्रिड को भेज सकते हैं।
किसान पीएम कुसुम योजना में ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री कुसुम में केंद्र सरकार 30 फीसदी तथा राज्य सरकार 45 फीसदी सब्सिडी देती है।
किसानों को कुल पंप लागत का केवल 25 फीसदी भुगतान करना होता है।
source : tractorfirst
यह भी पढ़े : PM मोदी जारी करेंगे PM Kisan Yojna की अगली किश्त
यह भी पढ़े : ई-केवाईसी कराने वाले किसानों को ही मिलेगी 10वीं किस्त
शेयर करे