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पशु आहार के निर्माण से विपिन कमाते हैं लाखों रुपये

Posted on January 12, 2021January 12, 2021

 

60 लाख के पार पहुंचा टर्नओवर

 

यदि आप भी खुद का बिजनेस शुरू करने की सोच रहे हैं तो मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के विपिन दांगी की कहानी आपके लिए प्रेरणादायक हो सकती है. दरअसल, एक समय विपिन भी उन युवाओं की फेहरिस्त में शामिल थे जो कभी प्राइवेट सेक्टर की जॉब करते थे लेकिन आज वे पशु आहार का निर्माण करके लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं. तो आइये जानते हैं विपिन की सफलता की कहानी. 

 

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दूध के व्यवसाय में घाटा

किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले विपिन दांगी ने इंदौर से माइक्रोबायोलॉजी में ग्रेजुएशन किया. जिसके बाद वह एक प्राइवेट हॉस्पिटल में जॉब करने लगे. विपिन का कहना हैं कि उन्हें प्राइवेट जॉब से सैलरी भी ठीकठाक मिलती थी लेकिन वह अपने काम से संतुष्ट नहीं थे.

 

यही वजह थी कि वे एक प्राइवेट सेक्टर की जॉब छोड़कर 2018 में अपने गांव आ गए. यहां आकर सबसे पहले उन्होंने दूध का व्यवसाय शुरू किया. लेकिन इस कारोबार में उन्हें आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ा. जिसके बाद उन्होंने पशु आहार निर्माण की शुरुआत की.

 

हर महीने 5 लाख का कारोबार

उन्होंने बताया कि उन्हें पशु आहार निर्माण का ख्याल तब आया जब उन्होंने देखा कि उनके गांव और क्षेत्र के आसपास के लोग पशुपालन तो बड़े स्तर पर करते हैं बावजूद कोई भी स्थानीय कोई कंपनी नहीं है जो पशुआहार का निर्माण करती हो. इसलिए उन्होंने पशु आहार के व्यापार में खुद को आजमाने की सोची.

 

इसके लिए विपिन ने पशुओं के लिए संतुलित आहार तैयार करने की रणनीति बनाई. इसके चलते उन्होंने 2019 में अपनी पशु आहार बनाने की कंपनी शुरू की. आख़िरकार उनकी मेहनत रंग लाई और वे हर 5 लाख से अधिक का कारोबार करते हैं. वहीं उनकी कंपनी का एक साल का टर्नओवर ही 60 लाख के आसपास है. 

 

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पशु आहार कैसे तैयार करते हैं

विपिन का कहना हैं कि पशु आहार तैयार करने के लिए रॉ मटीरियल की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. ऐसे में हम स्थानीय किसानों से अनाज खरीद लेते हैं जबकि खली बाहर से मंगवाते हैं. उन्होंने बताया कि रॉ मटेरियल में सोयाबीन, मूंगफली, कपास, जौ, गेहूं, मक्का समेत अन्य अनाजों का उपयोग करते हैं. जो स्थानीय स्तर पर आसानी से मिल जाता है.

 

इसके अलावा सरसों और कपास्या खली का प्रयोग किया जाता है. पशुओं के लिए संतुलित आहार के लिए वे विभिन्न पोषक तत्वों को निश्चित मात्रा में मिलाते हैं. दुधारू पशुओं के लिए उनका आहार काफी उपयोगी होता है. 

 

स्त्रोत : कृषि जागरण 

 

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