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2000 हेक्टेयर में कम्प्यूटर से खेती कर रहे 100 किसान

मोबाइल से करते हैं लाइव ऑपरेट

 

मध्यप्रदेश के किसान खेती में कम्प्यूटरों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे उपज बढ़ रही है। मेहनत भी कम लग रही है।

अभी 100 किसानों ने 1000 हेक्टेयर में इस तकनीक को अपनाया है।

ये कम्प्यूटर में एक बार में 15 दिन तक खेती का प्रोग्राम अपलोड करते हैं।

इससे निश्चित अनुपात में खाद.पानी फसल को मिलता है।

किसान मोबाइल में लाइव देखकर घर बैठे खेती को ऑपरेट कर रहे हैं।

यह सिस्टम फसल के लिए पानी का पीएच 6.5 ईसी 0.5.1.5 और टीडीएस 1000 से नीचे रखता है जो उत्पादन व गुणवत्ता बढ़ाने में कारगर है।

यह सिस्टम लगाने की कीमत 8.20 लाख तक आती है।

 

बदल जाते हैं वॉल्व

हर घंटे के हिसाब से खेत के लिए प्रोग्राम सेट किया जा सकता है।

जमीन के एक हिस्से में खाद.पानी चलने के एक घंटे बाद वॉल्व चेंज होता है।

मजदूरों पर निर्भरता 90 प्रतिशत तक कम हुई है। कम्प्यूटराइज्ड खेती इजराइल की तर्ज पर हो रही है।

छिंदवाड़ा, मंडला, शिवपुरी, भोपाल, रतलाम, बड़वानी, खरगोन, धार में 2000 हेक्टेयर में ऐसी खेती हो रही है।

 

इन्होंने अपनाई तकनीक

बड़वानी के एमबीए पास आशुतोष पाटीदार 200 हेक्टेयर में कम्प्यूटराइज्ड खेती कर रहे हैं।

सिंचाई नर्मदा से होती है। खेत में 52 लाख लीटर क्षमता के पानी टैंक हैं।

एक बार प्रोग्राम सेट करने पर 15 दिन फसल को खाद.पानी मिलता है।

 

टमाटर,शिमला मिर्च की खेती कर रहे शिवपुरी के नवीन जाट ने कहा कि इससे खाद देना आसान है।

नियमित कम खाद देने पर अच्छी उपज मिलती है। पानी का मैनेजमेंट बेहतर है।

50 एकड़ के 10 हिस्सों में प्रोग्राम सेट करके खेती कर रहे हैं।

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