हर सीजन में होगी मोटी कमाई
केले की आधुनिक व वैज्ञानिक खेती करके मोटी कमाई की जा सकती है. वैसे, देश में केले की सौ से ज्यादा किस्में हैं, जिन्हें उगाकर बंपर उत्पादन लिया जा सकता है.
लेकिन आजकल केले की सब्जी बनाने का प्रचलन बढ़ गया है. ऐसे में जो प्रोगेसिव किसान कुछ नया करना चाहते हैं, वे सब्जी वाले केले की खेती करके मोटी कमाई कर सकते हैं.
दरअसल, देशभर में लगभग केले की 500 से ज्यादा किस्में मौजूद हैं. विभिन्न प्रांतों की जलवायु और मिट्टी के अनुरूप इन किस्मों का चयन किया जा सकता है.
हालांकि, केले की कुछ ख़ास किस्में होती है जो पकाकर खाने के उपयुक्त मानी जाती है.
कृषि वैज्ञानिकों का मानना हैं कि केले की जिन किस्मों में ‘बी’ जीनोम अधिक पाया जाता है वे सब्जियों में तथा जिनमें ‘ए’ जीनोम की अधिकता होती है वे पकाकर खाने में बेहद उपयोगी होती है.
साबा
यह मूलतः फिलीपींस से आई हुई केले की एक हाइब्रिड किस्म है. इसके प्रत्येक पौधे से 26 से 38 किलोग्राम उत्पादन केला लिया जा सकता है.
स्टार्च से भरपूर केले की यह किस्म 150 से 180 में कटाई के बाद बेची जा सकती है. यह पकाकर खाने में बेहद उपयोगी किस्म है.
नेद्रन
देश के दक्षिण भाग में इस किस्म की खेती बड़े स्तर पर की जाती है. इसका फल उबालकर नमक तथा काली मिर्ची के साथ खाने पर बेहद स्वादिष्ट लगता है.
यह किस्म पाउडर और चिप्स बनाने के लिए भी उपयोगी मानी जाती है. कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि सब्जी वाली किस्मों को बेहद कम लागत में उगाया जा सकता है.
केले की निद्रन किस्म की खेती करने में लागत भी काफी कम आती है, वहीं इससे मुनाफा अच्छा होता है.
मोन्थन
यह किस्म देश विभिन्न हिस्सों में उगाई जा सकती है.
केरल, बिहार, ठाणे (मुंबई), तमिलनाडु के किसान इस किस्म की बड़े स्तर पर खेती करते हैं और सब्जी के रूप में बेचकर मोटी कमाई करते हैं.
इसके फल का मध्य हिस्सा थोड़ा कड़क होता है. इसे सब्जी के अलावा, पके फल के रूप में उपयोग कर सकते हैं.
इसके हर पौधे से 18 से 22 किलोग्राम फल का उत्पादन लिया जा सकता है.
बिहार के कई किसान इस किस्म को बेहद कम लागत में सड़क के किनारों पर स्थित खेतों में उगाते हैं, जिसे सब्जी के रूप में बेचकर अच्छी कमाई करते हैं.
कारपुरावल्ली
यह किस्म सामान्य तौर सब्जी के रूप में ही प्रयोग की जाती है. भारत में इसकी खेती तमिलनाडु में की जाती है.
यहां के किसानों में यह बेहद लोकप्रिय किस्म है. लंबी अवधि की इस किस्म से प्रति पौधे से 20 से 25 किलोग्राम फल का उत्पादन लिया जा सकता है.
इसे बेहद कम लागत और विपरीत परिस्थितियों में आसानी से उगा सकते हैं.
फिया 1
अधिक उत्पादन देने वाली इस किस्म के पौधे बेहद मजबूत, सीधे और पुष्ट होते है जो विपरीत परिस्थितियों में खड़े रह सकते हैं.
इसके हर पौधे से 40 किलोग्राम फल तक लिए जा सकते हैं. इसके प्रत्येक पौधे में 200 से 230 फल लगते हैं.
इस प्रजाति की खेती 13 से 14 महीनों की होती है. इसी तरह एक फिया 3 किस्म है जो सब्जी और पकाकर खाने में बेहद स्वादिष्ट लगती है.
इसकी खेती करके भी किसान बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं.
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