ट्रैक्टर की भूमिका
एक दौर था, जब किसानों के लिए खेती से जुड़ी सबसे बड़ी समस्या थी कि कृषि यंत्रों का आसानी से उपलब्ध ना हो पाना.
मगर आज का समय है, जब किसानों को खेती के लिए आधुनिक और उन्नत कृषि सब्सिडी के साथ आसानी से उपलब्ध हो जाता है.
अगर कृषि यंत्रों की बात करें, तो बहुत से ऐसे यंत्र, जो खेत की जुताई से लेकर कटाई तक में उपयोग होते हैं.
मगर ट्रैक्टर की खेती में एक अहम भूमिका है.
जहां पहले पारंपरिक खेती में अत्यधिक श्रम लगता था, तो वहीं आज ट्रैक्टर से खेती काफी आसान हो गई है.
कुल मिलाकर ट्रैक्टर भारतीय किसानों का पसंदीदा कृषि यंत्र है.
इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत में दुनिया को सबसे बड़ा ट्रैक्टर उद्योग है.
खेती में ट्रैक्टर की भूमिका
आज के समय में ट्रैक्टर के बिना आधुनिक और उन्नत खेती कर पाना बहुत मुश्किल है.
अगर हम हरित क्रांति के बाद खेती में आत्मनिर्भर हुए हैं, तो इसमें ट्रैक्टर की अहम भूमिका रही है.
ऐसे में कहना गलत नहीं है कि ट्रैक्टर ने हरित क्रांति की नींव रखी है.
कृषि की रीढ़ बना हुआ है ट्रैक्टर
एकदम सच बात है कि ट्रैक्टर कृषि की रीढ़ बना हुआ है.
यह महज एक मशीन नहीं है, बल्कि एक ऐसा कृषि यंत्र है, जो खेती के कार्यों को आसान बनाता है.
आज ट्रैक्टर पर कृषि का हर छोटा बड़ा कार्य निर्भर है. खेत की तैयारी से लेकर फसल काटने तक के काम ट्रैक्टर से किए जाते हैं.
यहां तक कि किसान फसल के उत्पादन को मंडी तक ले जाने में ट्रैक्टर का उपयोग करते हैं.
भारतीय किसानों के लिए ट्रैक्टर का महत्व
भारत में ट्रैक्टर एक बहुउद्देशीय वाहन है. यही वजह है कि ट्रैक्टर को काफी मजबूती से बनाया जाता है, ताकि यह हर चुनौती का सामना कर सकें.
तो आइए जानते हैं भारतीय किसानों के लिए ट्रैक्टर किस काम आता है –
ट्रैक्टर का उपयोग परिवहन के रूप में
मालवाहक के रूप में ट्रैक्टर का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है.
इसकी मदद से खाद, बीज और उर्वरकों को आसानी से एक से दूसरी जगह ले जा सकते हैं.
इसके साथ ही फसल कटाई के बाद ढुलाई के लिए उपयोग कर सकते हैं.
ट्रैक्टर का उपयोग यात्रा के लिए
भारत में अधिकतर ट्रैक्टर के इंजन ऐसे हैं, जिनमें ईंधन की कम खपत होती है, इसलिए यह लंबी यात्रा के लिए बेहतर साधन है.
इनके जरिए खेती से जुड़े कार्यों को आसानी से किया जा सकता है.
ट्रैक्टर किराए पर चलाएं
कई किसानों के पास ट्रैक्टर है, वे खेती के कार्यों के बाद इसे किराए पर दे सकते हैं.
इसके साथ ही जो किसान ट्रैक्टर नहीं खरीद सकते हैं, वे किराए पर ट्रैक्टर लेकर खेती के कार्य कर सकते हैं.
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