सरकार का सख्त आदेश
महाराष्ट्र की प्याज मंडियां
सहकारी संस्थाओं के उप निबंधक ने आदेश जारी करके कहा है कि तीन दिन से अधिक समय तक मंडियां बंद रहीं तो मंडी सचिव और निदेशक मंडल के खिलाफ कार्रवाई होगी.
लेकिन किसानों का कहना है यह आदेश ही गोलमाल है.
व्यापारियों के दबाव में नासिक सहित कई जिलों की प्याज मंडियों को आठ से 10 दिन के लिए बंद करने का एलान करके मंडी समितियों ने अपने लिए परेशानी मोल ले ली है.
किसानों के विरोध के चलते जिला उप पंजीयक ने इस फैसले को रद्द करने और बाजार समितियों को सिर्फ 3 दिन के लिए बंद रखने का आदेश दिया है.
नासिक में सहकारी संस्थाओं के जिला उप निबंधक डॉ. सतीश खरे ने दो पेज के एक आदेश में चेतावनी दी है कि तीन दिन के अलावा किसी भी दिन कृषि उपज की खरीद बंद न हो. इसके लिए नियमों का हवाला दिया गया है.
खरे ने लिखा है कि इस आदेश को लागू करके उनके कार्यालय में मंडी समिति रिपोर्ट पेश करे.
यदि मंडी समिति इस आदेश को लागू करने में असमर्थ है तो मंडी सचिव और निदेशक मंडल के खिलाफ कार्रवाई होगी.
कार्रवाई महाराष्ट्र कृषि उत्पाद खरीद और बिक्री अधिनियम 1963 के अनुसार होगी.
किसान संगठन ने कहा-यह गोलमाल आदेश है
महाराष्ट्र कांदा उत्पादक संगठन के संस्थापक अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है कि इस आदेश में सरकार स्पष्ट कर सकती थी कि कब से कब तक मंडियां बंद रहेंगी और कब खुलेंगी.
लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. बल्कि गोलमाल आदेश जारी कर दिया.
अब किसान क्या मानें कि कब से मंडियां खुलेंगी. दीपावली 4 तारीख को है तो सरकार को बताना चाहिए था कि मंडियां कब से कब तक बंद रहेंगी.
निबंधक की ओर से इसी साल मार्च में भी ऐसे आदेश जारी हो चुके हैं, लेकिन मंडी प्रबंधन की ओर से उस पर अमल नहीं किया जाता.
आदेश का पालन न होने पर पूछेंगे
अगर मंडियों में तीन दिन से अधिक बंदी रही तो किसान संगठन निबंधक से पूछेंगे कि उनके आदेश का पालन क्यों नहीं हुआ.
क्योंकि पिछली घटनाओं को देखते हुए हमें विश्वास ही नहीं है कि इस आदेश का मंडियों पर पालन होगा.
क्योंकि मंडियों में ट्रेडिंग करने वाली लॉबी बहुत मजबूत है.
दिवाली के ऐन मौके पर इतने दिन तक मंडियों के बंद होने से किसानों को काफी नुकसान होगा.
क्योंकि तब तक नई फसल भी आ जाएगी और इससे दाम पर असर पड़ेगा.
बिना आदेश कैसे बंद थीं मंडियां
दिघोले का कहना है मंडी बंद करने का निर्णय सहकारी संस्थाओं के उप निबंधक को बताए बिना नहीं किया जा सकता.
फिर कैसे नासिक की कई मंडियों में शुक्रवार 29 और शनिवार 30 अक्टूबर को काम बंद रहा.
इसका जवाब सरकार को देना चाहिए. रविवार को मंडियां बंद रहती ही हैं तो फिर शुक्रवार और शनिवार को क्यों ऐसा किया गया.
दो दिन में किसानों को हुए नुकसान की भरपाई क्या सरकार करेगी. निबंधक का आदेश 30 अक्टूबर को जारी हुआ है.
ऐसे में उन पर भी सवाल उठता है कि इस आदेश से पहले मंडियां बंद होने की सूचना उन्हें क्यों नहीं मिली.
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