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जैविक खेती की पाठशाला में बताए लाभ

 

उच्च शिक्षा विभाग म.प्र. शासन स्वामी विवेकानन्द कैरियर मार्गदर्शन में 3 दिवसीय राष्ट्रीय ऑनलाइन प्रशिक्षण जैविक खेती एवं केंचुआ खाद निर्माण का श्री रामसुख दुबे संचालक जैविक कृषि पाठशाला नैगवां ने दिया। प्रथम एवं द्वितीय दिवस का प्रशिक्षण श्याम श्री गौरक्षण संस्था एवं जैविक कृषि फॉर्म तेवली में दिया गया।

जैविक खेती की आवश्यकता, भूमि, मानव स्वास्थ्य तथा पर्यावरण को हो रहे नुकसान के बारे में जानकारी देने के साथ ही गोबर कंपोस्ट, केंचुआ खाद निर्माण, चार गड्ढा विधि, केंचुआ खाद से वार्षिक आय, वर्मी वाश के निर्माण के तरीके बताए गए।

 

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प्रकाश खाद एवं ईंधन के लिए बायोगैस संयंत्र के निर्माण तथा कार्यप्रणाली का अवलोकन भी कराया गया। चारा के लिए नेपियर घास, एजोला अन्य चार घास की जानकारी भी प्रशिक्षणार्थियों को दी गई। श्री पवन पाण्डेय ने विभिन्न गायों की नस्लों, दुग्ध उत्पादन तथा कृत्रिम गर्भाधान से उन्नत नस्लों के बारे में बताया।

प्रशिक्षण के अंतिम दिन जैविक कीटनाशक, पांच पत्ती काढ़ा, गौमूत्र, नीम पत्ती तथा शीघ्र खाद, मटका खाद, जीवामृत बनवाकर प्रायोगिक प्रदर्शन किया।

पक्का नाडेप टटिया एवं भू नाडेप के निर्माण की जानकारी एवं उन्नत कृषि यंत्रों के अंतर्गत पैडी ड्रम सीडर, हैंड हो, बीज उपचार ड्रम, स्पाइरल ग्रेडर आदि का अवलोकन कराया और खेती में उपयोग की जानकारी दी गई। कृषक सुधराम तथा सुकरती बाई यादव का सहयोग रहा।

 

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source : krishakjagat

 

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