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ब्रीडर बकरा पालन से होगी मोटी कमाई

 

जानिए ब्रीडिंग के प्रकार

 

जो किसान भाई अपनी आय दोगुनी करना चाहते हैं, तो उन्हें कृषि के अलावा, पशुपालन पर भी ध्यान देना चाहिए.

अब बात आती है कि अगर पशुपालन करना है, तो किस पशु का चुनाव किया जाए.

वैसे समय के साथ बकरी पालन के व्यवसाय का ट्रेंड काफी बढ़ रहा है, जिससे अच्छी कमाई भी हो जाती है. 

 

इसके साथ ही बकरी पालन में ब्रीडर पालन भी एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है.

बता दें कि मौजूदा वक्त में बकरी पालक  बेहतर मुनाफा कमाने के लिए तंदुरुस्त और अच्छी ब्रीडर की मांग करते हैं, ताकि उनका व्यवसाय अच्छा चल सके.

हालांकि, इसमें कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, तो आइए ब्रीडर पालन से जुड़ी तमाम अहम जानकारी के बारे में बताते हैं.

 

ब्रीडर का चुनाव

ब्रीडर पालन करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पशुपालक को एक अच्छे नस्ल की ब्रीडर का चुनाव करना चाहिए, ताकि उसे बेचने में किसी तरह की परेशानी ना हो.

ध्यान रहे कि ब्रीडर तैयार करने के लिए बच्चे का चुनाव तीसरे महीने में ही कर लें फिर उसके खान-पान पर विशेष ध्यान दें.

 

कैसे करें ब्रीडर की सही पहचान?

जानवरों में मेल लाइन डोमिनेट करते हैं, इसलिए अच्छे ब्रीडर का चयन करना चाहिए. हमेशा प्योर नस्ल का चुनाव करना चाहिए. कभी भी क्रॉस नस्ल की ब्रीडर नहीं लेना चाहिए, क्योंकि इसमें परिणाम बेहतर नहीं आते हैं.

ब्रीडर का चेहरा बिल्कुल रौबदार होना चाहिए. इसके साथ ही गर्दन पर मांस भरा होना चाहिए और उसके स्वास्थ्य, शरीर, चेहरा समेत हर चीज को ध्यान से देखना चाहिए.

बता दें कि बकरी के बच्चों की सेहत देखकर पता लगा सकते हैं कि वह बड़ा होकर बेहतर ब्रीडर बन सकता है या नहीं. इसके अलावा ब्रीडर के माता पिता की लंबाई और सेहत भी देखनी चाहिए.

सबसे जरूरी पशुपालक जिस भी ब्रीड का पालन करते हैं, उन्हें उस ब्रीड के बारे मे पूरी जानकारी होनी चाहिए. पशुपालक इस बात का भी ध्यान रखें कि वो जहां से बकरी ले रहे हैं, वहां से बकरा कभी ना लें.

 

ब्रीडिंग के प्रकार

  1. ब्रीडिंग
  2. क्रॉस ब्रीडिंग
  3. लाइन ब्रीडिंग

 

अगर आप बकरे को उसके ब्लड रिलेशन वाली बकरी से क्रास कराते हैं, तो उसका बच्चा बहुत अच्छा नहीं होगा.

इसके साथ ही लाइन ब्रीडिंग में जिस बकरी के साथ बकरे को क्रॉस करा जाता है, वो उसका दूर का रिश्तेदार होता है.

इसके अलावा क्रॉस ब्रीडिंग में अलग-अलग ब्रीड को क्रॉस कराया जाता है.

छह दांत वाले ब्रीडर से मिलता है बेहतर परिणाम

राजस्थान के अजमेर जिले के ब्रीडर पालक का कहना है कि ब्रीडर का सही परिणाम 6 दांत आने के बाद ही आता है.

बता दें कि 2 या 4 दांत वाले ब्रीडर से अच्छे परिणाम नहीं मिलते हैं. दांत का सीधा संबंध उम्र से होता है.

इस तरह अधिक परिपक्व ब्रीडर से क्रॉस कराने पर उसके बच्चे तंदुरुस्त होते हैं, साथ ही बड़े आकार के होते हैं.

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