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गेहूं की इन 3 किस्मों से मिलेगा बंपर उत्पादन

गेहूं का बंपर उत्पादन

 

गेहूं रबी सीजन की सबसे ज्यादा बोई जाने वाली फसल है.

धान की कटाई के बाद किसान गेहूं की खेती की तैयारी शुरू कर देते हैं.

अगर दूसरी फसलों की ही तरह गेहूं की खेती में उन्नत किस्मों का चयन किया जाए, तो किसान ज्यादा उत्पादन के साथ-साथ ज्यादा मुनाफा भी कमा सकते हैं.

किसान इन किस्मों का चयन समय और उत्पादन को ध्यान में रखकर कर सकते हैं.

 

बिजनौर की चांदी 

इसके चलते ही सरकार ने धामपुर को गेंहू की उन्नत किस्मों का तोहफा दिया है, ताकि वह उन्नत किस्में लगा पाएं और उससे बेहतर मुनाफा कमा पाएं.

आपको बता दें कि इन किस्मों में डीबीडब्लू-187, 222, डब्लू एच-1124 व पीबीडब्लू 343 को पर्याप्त मात्रा में भेजा गया है.

बिजनौर में कृषि विभाग के 11 गोदाम हैं.

 

किसानों को सुझाव दिया जा रहा है कि इन किस्मों की बुवाई करने पर उन्हें पांच से छह क्विंटल प्रति बीघा का उत्पादन प्राप्त होगा.

इसका सरकारी रेट 3915 रुपये प्रति क्विंटल है जिसमें 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है.

 

गेंहू की कई और उन्नत किस्में

गेहूं की खेती में किस्मों का चुनाव एक महत्वपूर्ण निर्णय है, जो यह निर्धारित करता है कि उपज कितनी होगी.

हमेशा नई, रोगरोधी व उच्च उत्पादन क्षमता वाली किस्मों का चुनाव करना चाहिए.

 

सिंचित व समय से बुवाई के लिए डीबीडब्ल्यू 303, डब्ल्यूएच 1270, पीबीडब्ल्यू 723 और सिंचित व देर से बुवाई के लिए डीबीडब्ल्यू 173, डीबीडब्ल्यू 71, पीबीडब्ल्यू 771, डब्ल्यूएच 1124, डीबीडब्ल्यू 90 व एचडी 3059 की बुवाई कर सकते हैं.

वहीं, अधिक देरी से बुवाई के लिए एचडी 3298 किस्म की पहचान की गई है.

सीमित सिंचाई व समय से बुवाई के लिए डब्ल्यूएच 1142 किस्म को अपनाया जा सकता है.

 

बुवाई का समय

बीज दर व उर्वरक की सही मात्रा गेहूं की बुवाई करने से 15-20 दिन पहले पहले खेत तैयार करते समय 4-6 टन/एकड़ की दर से गोबर की खाद का प्रयोग करने से मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है.

उत्तरी गंगा-सिंधु के मैदानी क्षेत्र के लिए गेहूं की बुवाई का समय, बीज दर और रासायनिक उर्वरकों की सिफारिश तालिका में दी गई है.

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