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अब ऐसे लोग नहीं उठा पाएंगे 13वीं किस्त का फायदा

पीएम किसान के नियमों में बदलाव

 

केवल राशन कार्ड की कॉपी जमा नहीं करने से आपको पीएम किसान सम्मान निधि नहीं मिलेगी.

यदि आप 13वीं किस्त में बंचित होने से बचना चाहते हैं, तो अपने राशन कार्ड की सॉफ्ट कॉपी पीडीएफ प्रारूप में पीएम किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दें.

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते महीने ही ‘पीएम किसान सम्मान निधि’ की 12वीं किस्त जारी की थी.

इसके लिए केंद्र सरकार ने 16 हजार करोड़ रुपए खर्च किए.

इस बार लगभग 8 करोड़ किसानों के खाते में 2000- 2000 रुपये ट्रांसफर किए गए.

वहीं, अब किसानों ने पीएम किसान की 13वीं किस्त के लिए इंतजार शुरू कर दिया है.

लेकिन इस बार बहुत से किसान 13वीं किस्त का लाभ नहीं उठा पाएंगे.

सरकार ने ‘पीएम किसान सम्मान निधि’ के नियमों में कुछ बदलाव किया है, ताकि फर्जी लोग इस योजना का फायदा न उठा सकें.

 

सत्यापन कराना होगा

जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने पीएम किसान में अनियमितताओं के कई मामलों के उजागर होने के बाद यह निर्णय लिया है, ताकि भविष्य में धांधली को रोका जा सके.

अब पीएम किसान का लाभ लेने वाले किसानों को पहले अपनी जमीन के कागजातों का सत्यापन कराना होगा.

साथ ही इस मामले में लाभार्थी किसानों को अपने भूमि रिकॉर्ड सत्यापित करना होगा.

ऐसा नहीं करने पर उन्हें पीएम किसान सम्मान निधि की 13वीं किस्त से वंचित कर दिया जाएगा.

 

आधार कार्ड को लिंक करना होगा

केवल राशन कार्ड की कॉपी जमा नहीं करने से आपको पीएम किसान सम्मान निधि नहीं मिलेगी.

यदि आप 13वीं किस्त में बंचित होने से बचना चाहते हैं, तो अपने राशन कार्ड की सॉफ्ट कॉपी पीडीएफ प्रारूप में पीएम किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट, https://pmkisan.gov.in पर अपलोड कर दें.

साथ ही 2000 रुपये राशी प्राप्त करने के लिए लाभार्थी किसानों को अपने आधार कार्ड को भी अपने बैंक खाते से लिंक करना होगा.

 

सारी प्रक्रिया पूरी करनी होगी

कहा जा रहा है कि पीएम किसान सम्मान निधि की 13वीं किस्त जनवरी महीने जारी की जा सकती है, क्योंकि 2021 में भी जनवरी में ही पीएम किसान सम्मान निधि किसानों के खातों में ट्रांसफर कर दी गई थी.

ऐसे में पात्र किसानों को किसान सम्मान निधि प्राप्त करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट https://pmkisan.gov.in पर नए नियमों के तहत सारी प्रक्रिया पूरी करनी होगी.

 

फर्जी किसानों की पहचान की गई थी

बता दें कि केंद्र सरकार ने 11वीं किस्त के लिए 21 हजार करोड़ रुपए जारी किए थे.

तब 10 करोड़ किसानों के खाते में पैसे ट्रांसफर हुए थे.

वहीं, ई- केवाईसी अनिवार्य करते ही फर्जी किसानों की संख्या में काफी कमी आई.

अकेले उत्तर प्रदेश में 21 लाख फर्जी किसानों के नाम काट दिए गए.

इसी तरह झारखंड और बिहार में भी कई फर्जी किसानों की पहचान की गई थी.

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