इस बार उत्पादन 360 लाख गांठ तक पहुंचने का अनुमान
सीएआई के अध्यक्ष अतुल गनात्रा ने कहा, ‘कपास की पैदावार काफी बेहतर होने का अनुमान है और अच्छे मॉनसून के बाद पानी की बेहतर उपलब्धता के कारण किसानों को तीसरी और चौथी तुड़ाई करने की उम्मीद है.’
भारतीय कपास संघ (CAI) ने फसल वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) 2021-22 में कपास उत्पादन 360.13 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया है.
सीएआई ने कहा कि उपज बेहतर रहने से कपास उत्पादन अच्छा रहेगा.
सीएआई ने एक बयान में कहा कि पिछले सत्र में कुल कपास उत्पादन 353 लाख गांठ रहने का अनुमान है, जो मौजूदा सत्र की तुलना में 7.13 लाख गांठ कम है.
सीएआई के अध्यक्ष अतुल गनात्रा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘कपास की पैदावार काफी बेहतर होने का अनुमान है और अच्छे मॉनसून के बाद पानी की बेहतर उपलब्धता के कारण किसानों को तीसरी और चौथी तुड़ाई करने की उम्मीद है.’
वर्ष 2021-22 सत्र के अंत तक, यानी 30 सितंबर, 2022 तक कपास की कुल अनुमानित आपूर्ति 445.13 लाख गांठ थी, जिसमें सत्र की शुरुआत में 75 लाख गांठ का शुरुआती स्टॉक शामिल है.
सत्र में फसल 360.13 लाख गांठ होने का अनुमान है तथा पिछले वर्ष के बराबर ही इस बार 10 लाख गांठ का आयात होने का अनुमान है.
अधिक उत्पादन के बावजूद निर्यात में कमी का अनुमान
सीएआई ने कहा कि फसल वर्ष 2021-22 में घरेलू खपत का स्तर पिछले वर्ष के समान स्तर पर रहना अनुमानित है, जो कि 335 लाख गांठ है.
सीएआई का अनुमान है कि कपास सत्र 2021-22 का निर्यात 48 लाख गांठ रहेगा, जो 2020-21 के लिए 78 लाख गांठ के अनुमान से कम है.
गनात्रा ने कहा, ‘हमने पिछले सत्र की तुलना में निर्यात कम रहने का अनुमान लगाया है क्योंकि घरेलू कपास की कीमतें अमेरिका में कीमतों के बराबर हो गई हैं.’
कपास का पिछले सत्र का बचा हुआ स्टॉक 30 सितंबर को सत्र के अंत में 62.13 लाख गांठ रहने का अनुमान है.
किसानों को मुआवजा देगी पंजाब सरकार
दूसरी तरफ, पंजाब सरकार ने कपास किसानों को पिंक बॉलवॉर्म कीट के हमले के कारण हुए फसल नुकसान की भरपाई के लिए 416 करोड़ रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है.
पिंक बॉलवॉर्म के हमले से मनसा, संगरूर, बठिंडा, श्री मुक्तसर साहिब और बरनाला जिलों में कपास की फसल को व्यापक नुकसान हुआ था.
पंजाब सरकार के मुताबिक, 26 से 32 प्रतिशत तक के फसल नुकसान के लिए 2,000 रुपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजे का भुगतान किया जा रहा है.
33 से 75 प्रतिशत नुकसान के लिए 5,400 रुपए प्रति एकड़ और 76 से 100 प्रतिशत नुकसान के लिए 12,000 रुपए प्रति एकड़ का भुगतान किसानों को किया जा रहा है.
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