हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

गेहूं की HI 1636 किस्म की खेती से मिलेगी बंपर उपज

 

जानिए कब करनी है बुवाई ?

 

रबी सीजन की फसलों की बुवाई का सीजन शुरू हो गया है. इस सीजन में अधिकतर किसान गेहूं की खेती करते हैं.

फिलहाल, अच्छी पैदावार और गुणवत्ता वाले गेहूं की खेती को प्राथमिकता दे रहे हैं. इसके लिए उन्नत किस्मों की बुवाई कर रहे हैं. 

 

इसी क्रम में गेहूं की एक किस्म विकासशील केंद्र भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान क्षेत्रीय स्टेशन, इंदौर-452 001 (म.प्र.)  द्वारा विकसित की गई है.

यह एचआई 1636 (HI 1636) किस्म है, तो चलिए किसान भाईयों को इस किस्म की खासियत बताते हैं.

 

किन क्षेत्रों के लिए उपयोगी है किस्म

गेहूं की इस किस्म को सिंचित क्षेत्र व समय पर बोया जा सकता है.

यह किस्म मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान (कोटा और उदयपुर डिवीजन), और उत्तर प्रदेश के झांसी डिवीजन के लिए उपयोगी मानी गई है.

 

किस्म की विशेषाएं

एचआई 1636 (HI 1636) किस्म का अनाज आयताकार आकार का होता है.

इस किस्म में जिंक (44.4ppm), आयरन (35.7ppm) और प्रोटीन 11.3% के साथ बायोफोर्टिफाइड की मात्रा पाई जाती है.

 

एचआई 1636 (HI 1636) किस्म की बुवाई का समय

गेहूं की इस किस्म की बुवाई के लिए 5 से 15 नवंबर तक की अवधि उपयुक्त मानी गई है.

अगर किसान भाई इस समय किस्म की बुवाई कर देते हैं, तो इससे फसल का अच्छी उपज मिलने की संभावना बढ़ जाती है.

 

सिंचाई की जानकारी

अगर किसान भाई गेहूं की एचआई 1636 (HI 1636) किस्म की बुवाई करते हैं, तो इस किस्म के लिए 20 से 24 दिन के अंतराल पर 3 से 4 सिंचाई की सलाह दी जाती है.

मगर ध्यान रहे कि पकने की अवस्था में सिंचाई की सलाह नहीं दी गई है.

 

एचआई 1636 (HI 1636) किस्म से उत्पादन

किसान भाई कड़ी मेहनत कर खेतों में फसल उगाते हैं, ताकि उन्हें फसल की अधिक उपज और मुनाफा प्राप्त हो.

अगर किसान खेतों में गेहूं की एचआई 1636 (HI 1636) किस्म का बुवाई करते हैं, तो उन्हें इससे प्रति हेक्टेयर औसतन 56.6 क्विंटल तक की उपज प्राप्त हो सकती है.

बीज के लिए संपर्क सूत्र

अगर आप बीज खरीदना चाहते हैं, तो आईसीएआर – भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान क्षेत्रीय स्टेशन, इंदौर के डॉ जेबी सिंह (9752159512) के मोबाइल नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.

source

 

यह भी पढ़े : ये हैं प्याज की 5 सबसे उन्नत किस्में

 

यह भी पढ़े : खेत से ब्रोकली तोड़ने के मिलेंगे 63 लाख सालाना

 

यह भी पढ़े : खेत मे भर गया इतना पानी, कि नाव से मक्का निकलना पड़ा

 

शेयर करे