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50 हजार में डीजल ट्रैक्टर बन जाएगा सीएनजी

 

सौर उर्जा यंत्र से कम लागत में होगी उन्नत खेती

 

किसानों को खेती में उन्नत बनाने और आधुनिकता के दौर में कृषि को लाभकारी बनाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल के विज्ञानियों ने एक सौर ऊर्जा चलित यंत्र विकसित किया है।

दावा है कि,यह यंत्र कृषि के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाएगा। इस यंत्र से किसान बिना ईंधन खर्च किए खेती के काम कर सकेंगे।

इसमें दवा का छिडकाव भी शामिल है। स्थान के विज्ञानियों ने एक वर्ष के परिश्रम के बाद इसे विकसित किया है।

इसके साथ ही सीएनजी से चलने वाला विशेष इंजन भी विकसित किया है जिसे किसी भी टैक्टर में उपयोग करके खेती की लागत कम की जा सकती है।

 

एक घंटे में सवा एकड में दवा छिडकाव

खेती में अब किसानों को दवा के छिड़काव और जुताई के लिए कमर तोड़ मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।

विज्ञानियों द्वारा विकसित किया गया सोलर अस्सिटेंट ई-प्राइम मूवर कृषि के क्षेत्र में क्रांति लेकर आएगा।

वैज्ञानिकों ने यंत्र के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह सौर ऊर्जा से चलने वाला यंत्र है।

इस यंत्र के द्वारा किसान सिर्फ एक घंटे में सवा एकड़ जमीन में दवा का छिड़काव कर सकेंगे।

वहीं इतनी ही जमीन की जुताई और निराई-गुड़ाई जैसे काम भी पांच घंटे के अंदर किए जा सकेंगे, जिसमें कोई लागत नहीं आएगी।

इसकी कीमत साढ़े तीन लाख रुपए रखी गई है।

 

खेत में करेगा काम, घर भी कर सकेगा रोशन

इस यंत्र की बैटरी एक बार चार्ज होने के बाद पूरे तीन घंटे तक चलेगी।

इसका उपयोग किसान अपने घरेलू काम जैसे अनाज को लाने-ले जाने में उपयोग कर सकेंगे।

यह आसानी से दो क्विंटल तक भार ले जा सकेगा। साथ ही सौर ऊर्जा से चार्ज हुई बैटरी से अपने घर की बिजली भी जला सकेंगे।

इसके उपयोग से किसान अपना काफी हद तक खर्च कर सकेंगे। यह किसानों के लिए काफी लाभ का सौदा साबित होगा।

 

50 हजार में डीजल ट्रैक्टर बन जाएगा सीएनजी

अभियांत्रिकी संस्थान के विज्ञानियों ने सीएनजी इंजन का निर्माण किया है।

जिसे ट्रैक्टर में लगवाने के बाद उससे कम खर्च में अपनी जमीन की हकाई- जुताई, बोनी आदि कार्य कर सकेंगे।

वैज्ञानिकों ने बताया कि डीजल इंजन को सीएनजी इंजन में बदला है। जिसकी कीमत 50 हजार रुपए है।

यह चार किलोग्राम सीएनजी में करीब एक घंटे तक ट्रैक्टर को खेत में चलने में सक्षम बनाता है।

इसे अभी 35 हार्स पावर इंजन में फिट किया गया है। किसान ट्रैक्टर के हार्स पावर के हिसाब से इसको लगवा सकते हैं।

इसके उपयोग से वातावरण में बढ़ रहे प्रदूषण को रोकने में मदद मिलेगी और लागत भी घटेगी।

 

40 फीसदी कम खर्चे में खेती के काम

खेत में एक घंटे ट्रैक्टर चलाने पर लगभग चार से पांच लीटर डीजल जलता है।

भोपाल में डीजल के दाम 95 रुपए प्रतिलीटर है जिससे 400 से 475 रुपये का खर्च आता है।

  • सीएनजी इंजन में एक घंटे चलाने की खपत भी चारकिलोग्राम ही होती है। भोपाल में सीएनजी की कीमत 66 रुपए प्रतिकिलोग्राम है, इसके मान से एक घंटे चलने पर 264 रुपए का खर्च आएगा।
  • इस तरह सीएनजी से खेत में काम करने की ईधन लागत लगभग 40 प्रतिशत घट जाती है।
  • सीएनजी इंजन की कीमत 50 हजार रुपए है।

 

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान द्वारा हमेशा से ही किसानों के हित में कदम उठाए हैं।

किसानों के लिए खेती लाभ का धंधा बने इसके लिए हमारे संस्थान द्वारा यह यंत्र विकसित किए गए है।

उम्मीद है सोलर ऊर्जा से चलने वाला असिस्टेड ई – प्राइम मूवर कृषि के क्षेत्र में एक नई क्रांति लेकर आएगा।

source : jagran

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