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किसान भाई संतुलित मात्रा में रासायनिक उर्वरक उपयोग करें

 

रासायनिक उर्वरक उपयोग कम करें

 

किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग से दी गई जानकारी के अनुसार लम्बे समय तक रासायनिक उर्वरकों का अधिक प्रयोग कई तरह की हानिकारक प्रभाव उत्पन्न करते हैं।

जैसे- मिट्टी एवं पौधों में पोषक तत्वांे का असंतुलन तथा पैदाबार कम होना फसलों में अधिक कीड़े, मकौड़े एवं बीमारियों का प्रकोप, मिट्टी में जैविक पदार्थो का क्षय होना, वातावरण दुषित होना, दुषित खाद्य पदार्थ पैदा होना आदि।

इन सब से बचने के लिए किसानों को संतुलित रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करना चाहिए। जिससे मिट्टी की उर्वरकता एवं उत्पादन क्षमता बनी रहे।

 

कॉम्प्लेक्स उर्वरकों का उपयोग करना चाहिए

किसानों को एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन विधि अपनानी चाहिए।

जिसमें कारबनिक, आकारबनिक और जैविक स्त्रोतों से मिश्रित उपयोग द्वारा पौधों को उचित मात्रा में पोषक तत्व उपलब्ध हो सकें।

फसलों के अधिक उत्पादन के लिए मिट्टी में आवश्यक पोषक तत्वों की उपलब्धता आवश्यक है।

वर्तमान में किसान यूरिया एवं डी.ए.पी. का अधिक उपयोग कर रहे हैं। जिससे मिट्टी में पोटास एवं सुक्ष्म पोषक तत्वांे की कमी आई है।

पोटास के उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए। पोटास फसल के स्वास्थ्य एवं गुणवत्ता से सीधा संबंध रखती है।

जिससे फसल सुद्रण रोग, बीमारियों से कम प्रभावित होेने के साथ दानों में चमक भी बढ़ जाती है। इन फसलों का बाजार में उचित मूल्य मिलता है।

किसानों को कॉम्प्लेक्स उर्वरकों का उपयोग करना चाहिए। जिसमें नाईट्रोजन, फासफोरस एवं पोटास पाया जाता है।

 

गुणवत्ता युक्त फसल उत्पादन

जैव उर्वरक जैसे-राईजोबियम, पीएसबी, एजोस्पारिजम आदि का फसल अनुसार बीजो उपचार के रूप में अथवा भूमि उपचार के रूप में उपयोग किया जाना चाहिए।

इससे फसलों के अनुकूलन के साथ पौधों को पोषक तत्व उपलब्ध होते हैं।

टीकाउ एवं अधिक उत्पादन हेतु आवश्यक है कि एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन का उपयोग कर किसान भाई अधिक उत्पादन के साथ गुणवत्ता युक्त फसल उत्पादन कर सकता है।

 

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