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इस पेड़ की खेती से करोड़पति बन सकते हैं किसान

महज 12 साल में होगा बंपर मुनाफा

 

महोगनी पेड़ की लकड़ी लाल और भूरे रंग की होती है और इसे पानी से नुकसान नहीं पहुंचता है.

इसको ऐसे स्थान पर उगाया जाता है, जहां तेज हवाओं का खतरा कम होता है.

इस पेड़ के विकास के लिए उपजाऊ मिट्टी, अच्छी जल निकासी और सामान्य पीएच ही उपयुक्त है.

 

बढ़िया मुनाफे की वजह से पेड़ों की खेती किसानों की बीच काफी तेजी से लोकप्रिय हो रही है.

महोगनी भी कुछ इसी तरह का पेड़ है, जिसकी खेती करके किसान बढ़िया बंपर मुनाफा हासिल कर सकते हैं.

 200 फीट तक की ऊंचाई तक बढ़ने वाले इस पेड़ की छाल, लकड़ी और पत्तियां तक बाजार में हाथों-हाथ बिकती हैं.

भूरे रंग की लकड़ी वाले इस पेड़ को पानी से बिल्कुल नुकसान नहीं पहुंचता है.

इसकी खेती करने से पहले किसान ऐसी जगह का चुनाव करें जहां जलनिकासी की बढ़िया व्यवस्था हो.

पहाड़ी स्थान छोड़कर इसे किसी भी जगह उगाया जा सकता है.

 

महोगनी के लकड़ियों का उपयोग

महोगनी के पेड़ को विकसित होने में 12 साल लग जाते हैं.

लकड़ियां मजबूत होने की वजह से इसका उपयोग जहाज, गहने, फर्नीचर, प्लाईवुड, सजावट और मूर्तियां बनाने में किया जाता है.

इसके पेड़ जहां लगे होते हैं, वहां मच्छर बिल्कुल भी नहीं आते हैं.

इसलिए इसकी पत्तियों और बीजों के तेल का इस्तेमाल मच्छर भगाने वाले प्रोडक्ट्स और कीटनाशक बनाने में किया जाता है.

बता दें कि औषधीय गुणों के मामले में भी महोगनी के पेड़ काफी धनी है.

इसकी पत्तियां और छाल कई तरह की बीमारियों के खिलाफ फायदेमंद हैं.

यही वजह है कि इनका उपयोग दवाओं को बनाने में किया जाता है. ऐसे में किसान इन्हें बेचकर बढ़िया मुनाफा हासिल करते हैं.

 

बंपर है मुनाफा

महोगनी के पेड़ 12 साल में लकड़ी की फसल के लिए तैयार हो जाते हैं.

इसके बीज बाजार में एक हजार रुपये प्रति किलो तक बिकते हैं.

वहीं, इसकी लकड़ी 2000 से 2200 रुपये प्रति क्यूबिक फीट थोक में आसानी से मिल जाती है.

यह एक औषधीय पौधा भी है, इसलिए इसके बीजों और फूलों का उपयोग औषधि बनाने के लिए किया जाता है.

ऐसे में इसकी खेती से किसान करोड़ों का मुनाफा कमा सकते हैं.

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