हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

किसान अपने खेत की मिट्टी व पानी की जांच करा कर कम लागत में कमा सकते हैं अधिक मुनाफा

 

मिट्टी एवं पानी की जांच

 

मिट्टी एवं पानी की समय-समय पर जांच कराने से खेती में उपज को बढ़ाया जा सकता है इसकी जांच कैसे की जाए क्या प्रक्रिया है, यह जानिए।

 

लाख कोशिश करने के बाद भी किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हो पाता है। इसकी वजह खेती में पर्याप्त फसल का नहीं होना है।

इसका समाधान है कि समय-समय पर खेत की मिट्टी एवं पानी की जांच भी होते रहना चाहिए।

इससे यह पता चलेगा कि खेती के लिए जमीन को क्या चाहिए?

खेत को कौन से उर्वरक एवं पोषक तत्वों की आवश्यकता है, इसका पता चलने पर वही पोषक तत्व एवं उर्वरक जमीन को दिए जा सकते हैं।

इससे अच्छी खेती होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।

 

मिट्टी एवं पानी की जांच से यह फायदा

किसान अपने खेत की जांच :समय-समय पर मिट्टी व पानी की जांच करानी चाहिए ताकि आप के खेत के जांच के आधार पर अपने खेत की उर्वरा शक्ति व बीज आदि की मात्रा तय कर सकें।

ऐसा करने से किसानों को अपने खेत में अंधाधुंध खाद, उर्वरक नहीं डालना पड़ेगा इसके स्थान पर जांच के स्थान पर जिस उर्वरक एवं पोषक तत्व की मिट्टी को आवश्यकता है वही डालने से खेत की मिट्टी को सही मात्रा में पोषण तत्व मिलने लगेगा।

 

अपने खेत की मिट्टी का नमूना किस प्रकार लें

पहले अपने खेत को उर्वरा शक्ति के अनुसार दो या दो से अधिक बागों में बांधकर रेडियम आधार पर 8-10 स्थानों से मिट्टी का नमूना ले।

मिट्टी का नमूना लेने से पहले ऊपर की सत्ता से घास फूस हटा दे और और एक लंबी खुरपी गड्ढा खोदने के बाद उसके एक तरफ से 1 इंच मोटी मिट्टी की परत निकालकर किसी 1 बर्तन में डाल ले।

 

इस तरह से पूरे खेत 8-10 स्थान से मिट्टी लेकर अच्छी तरह से मिलाकर उसे एक ढेर बना कर रख ले।

ढेर का ऊपर (+)आकर का निशान बनाकर आमने-सामने के दोनों भागों की मिट्टी को हटा दें।

बाद में बची हुई मिट्टी को इकट्ठा कर ले यह प्रक्रिया तब तक जारी रखें जब तक की मिट्टी तकरीबन 500 ग्राम तक ना रह जाए।

इस 500 ग्राम मिट्टी को एक साफ कपड़े की थैली में भरे हुए कागज पर अपना नाम सहित पूरा पता विगत में ली गई और भविष्य में ली जाने वाली फसलों के नाम अंकित करके उस थैली में डाल दें।

इस प्रकार की एक पर्ची थैली के ऊपर बांधकर मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजें।

 

अपने खेत के सिंचाई के लिए पानी का नमूना कैसे लें

किसान अपने खेत की सिंचाई के लिए जिस पानी का उपयोग करते हैं उस पानी का नमूना लेने के लिए यह प्रक्रिया अपनाएं:-

 

नलकूप अगर किसान अपने खेत की सिंचाई नलकूप से करते हैं तो अपने नलकूप के पानी को जांच के लिए देने के लिए अपने नलकूप को 8 से 10 मिनट तक चलने दे तथा उसके बाद एक साफ बोतल में पानी भर ले।

 

कुआं किसान अपने खेत की सिंचाई अगर कुए के पानी से करते हैं तो अपने कुए का पानी का नमूना देने के लिए पहले बाल्टी को पानी में 8-10 बार पानी मे डुबाकर इसके बाद बाल्टी को अंदर के पानी से भर ले।

 

इसके बाद पानी को एक साफ बॉटल में भर लें तथा बॉटल को पानी से पूरी भर ले बाद में उस पर अपना नाम व पता सहित कौन सी फसल करते हैं तथा कौन सी फसल करेंगे यह सारी जानकारी उस पर डाल दें और बाद में उसे जांच के लिए अपने निकटतम कृषि विभाग के अधिकारियों या मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में भेज दें।

इन दोनों आसान तरीकों से मिट्टी एवं पानी की जांच करके खेत की उर्वरा शक्ति को बढ़ाई जा सकती है इससे निश्चित तौर पर फसलों की पैदावार बढ़ेगी एवं किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद मिलेगी।

source : choupalsamachar

यह भी पढ़े : गेहूं की कटाई के बाद 60 से 65 दिन में आने वाली ग्रीष्मकालीन उड़द की खेती

 

यह भी पढ़े : फसल बीमा योजना की त्रुटियों के लिए बैंक जिम्मेदार होंगे

 

शेयर करे