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किसान 31 जुलाई से पहले करें पंजीकरण, खाते में आएगी राशि

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

 

योजना के तहत खरीफ 2022 के लिए अधिसूचित पटवारी हल्का अंतर्गत किसानों की अधिसूचित फसलों का बीमा करने के लिए बैंकों द्वारा प्रीमियम नाम 31 जुलाई तक निर्धारित किए जाएंगे।

 

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए जरूरी खबर है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत वर्ष 2022- 23 के लिए खरीफ एवं रबी के लिए प्रीमियम राशि 31 जुलाई तक जमा कर सकते है।

‘फसल बीमा सप्ताह’ शुरू हो गया है और मानसून सीजन को मद्दे नजर पंजीकरण की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2022 तक रखी गई है।

 

पंजीकरण करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई

PMFBY ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के जीवन में उम्मीद की नई किरण बनकर आई है।

इस योजना से किसानों की आय में स्थिरता आई है जो उनके जीवन को सरल बना रही है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अपनी फसल का बीमा कराएं, पंजीकरण करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है।

इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2022- 23 मौसम खरीफ एवं रबी के लिए कलस्टरवार निर्धारित बीमा कंपनियों को कार्य आदेश जारी किए जा चुके हैं।

 

बीमा राशि मिलेगी

योजना के तहत खरीफ 2022 के लिए अधिसूचित पटवारी हल्का अंतर्गत किसानों की अधिसूचित फसलों का बीमा करने के लिए बैंकों द्वारा प्रीमियम नाम 31 जुलाई तक निर्धारित किए जाएंगे।

किसानों को फसल बीमा कराने के बाद ही मौसम या अन्य प्राकृतिक घटना से खराब फसल की बीमा राशि मिलेगी।

 किसान द्वारा संबंधित बैंक से सम्पर्क कर बीमांकन की अंतिम तिथि के दो दिन पूर्व यानि 29 जुलाई तक बोई गई वास्तविक फसल की जानकारी बैंकों उपलब्ध कराया जाना है।

किसानों की सुविधा को देखते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मौसम खरीफ 2022 अन्तर्गत प्रदेश में नेशनल काप इन्श्योरेन्स पोर्टल पर भू – अभिलेख के एकीकरण का कार्य किया जा रहा है।

पंजीयन के समय कृषक की भूमि धारिता संबंधी जानकारी भू-अभिलेख के आधार पर पोर्टल में ड्राप डाउन पर उपलब्ध हो सकेगी।

किसानों को पंजीयन के दौरान खसरा नंबर तथा बीमित भूमि के क्षेत्रफल की सही जानकारी बैंक द्वारा NCIP Portal पर दर्ज की जाना है, ताकी समय पर सही बीमा पॉलिसी जारी हो सकेगी।

 

क्या है फसल बीमा योजना

बता दे कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत देश के किसानों को फसल सुरक्षा के लिए बीमा सहायता दी जाती है।

इस योजना के तहत प्राकृतिक रूप जैसे बाढ़, बारिश, भूस्खलन, सूखा आदि या कीड़े रोगों से खराब हुई फसल का मुआवजा दिया जाता है, इसके लिए किसानों को बीमा योजना में नामांकन करवाना जरूरी है।

प्रीमियम राशि किसानों के साथ-साथ सरकारों, राज्य और केंद्र द्वारा भी वहन की जाती है।

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