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मौसम को ध्यान में रखकर सरसों की बिजाई करें किसान

 

खेत में रखें उचित नमी

 

सरसों की पछेती फसल के लिए कौन-कौन सी हैं किस्में, फसल में उर्वरकों का कितना होना चाहिए इस्तेमाल, वैज्ञानिकों ने दी पूरी जानकारी.

 

कृषि वैज्ञानिकों ने सरसों की खेती करने जा रहे किसानों के लिए कुछ सलाह दी है.

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार (HAU) के कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. रामनिवास ढांडा ने कहा कि किसान बिजाई से पूर्व मौसम के मद्देनजर खेत में नमी का विशेष ध्यान रखें.

सरसों की फसल की बुआई का समय 30 सितंबर से 20 अक्टूबर तक होता है, लेकिन अगर किसी कारणवश किसान बिजाई नहीं कर पाए हैं तो भी वे 10 नवंबर तक उचित किस्मों के चुनाव के साथ इसकी बिजाई कर सकते हैं.

 

ढांडा ने बताया कि सरसों की पछेती बिजाई के लिए आरएच-9801 व आरएच-30 की बिजाई कर सकते हैं.

इसके लिए वैज्ञानिकों द्वारा बताए गए दिशा-निर्देशों की पालना जरूरी है, ताकि फसल से अच्छी पैदावार हासिल की जा सके.

उन्होंने बताया कि बिजाई के समय खेत अच्छी प्रकार से तैयार करते हुए उचित नमी रखें. ताकि अंकुरण में समस्या न आए.

 

बिजाई से पहले क्या करें?

कृषि महाविद्यालय के आनुवांशिकी एवं पौध प्रजन विभाग के अध्यक्ष डॉ. एसके पाहुजा के अनुसार समय पर सरसों की बिजाई के लिए उन्नत किस्में आरएच 725, आरएच 0749, आरएच 30 सर्वोत्तम हैं.

जिसकी सिंचित क्षेत्र के लिए 1.5 किलोग्राम बीज प्रति एकड़, बारानी क्षेत्रों के लिए 2 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज डालना चाहिए.

बिजाई से पूर्व बीज को 2 ग्राम कार्बेंडिज्म प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से सूखा उपचार अवश्य करें.

 

पौधे से पौधे की दूरी 10 से 15 सेंटीमीटर व कतार से कतार की दूरी 30 सेंटीमीटर रखें.

इसके अलावा उन्नत किस्मों आरएच 725 व आरएच 749 में कतार से कतार की दूरी 45 सेंटीमीटर तक भी रखी जा सकती है.

सरसों रबी में उगाई जाने वाली फसलों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है. किसान सरसों उगाकर कम खर्च में अधिक लाभ कमा रहे हैं.

 

खाद का कितना करें इस्तेमाल

सरसों वैज्ञानिक डॉ. रामअवतार ने बताया कि खेत तैयार करते समय 6 टन गोबर की खाद या कम्पोस्ट प्रति एकड़ डालना चाहिए.

सिंचित क्षेत्रों में 35 किलोग्राम डीएपी व 25 किलोग्राम यूरिया तथा 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट या 70 किलोग्राम यूरिया व 75 किलोग्राम सिंगल सुपरफास्फेट का प्रयोग करना चाहिए.

इसमें यूरिया (Urea) की आधी मात्रा बिजाई के समय व आधी यूरिया पहली सिंचाई पर तथा अन्य खाद बिजाई के समय डालें.

जबकि बारानी क्षेत्रों में 35 किलोग्राम यूरिया, 75 किलोग्राम सिंगल सुपरफास्फेट बिजाई के समय डालें.

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