भारतीय डेयरी मशीनरी कंपनी (IDMC) की नई खोज पशुपालकों के काम को आसान बना देगी.
ये काउ मॉनिटर सिस्टम एक नेक बेल्ट है, जिसे गाय के गले में पहनाते ही उसकी लोकेशन, स्टेप्स और सेहत की चाल जान सकते हैं.
कमाल है IDMC की ये नई टेक्नोलॉजी
आज के आधुनिक दौर में सारा काम तकनीकों से होता है. हमारे बीच कुछ ऐसे गैजेट्स आ गए हैं, जो कई घंटों का काम कुछ ही पलों में निपटा देते हैं.
नई तकनीकों ने शहरों से लेकर गावं तक लगभग हर कामकाज को आसान बना दिया है.
इससे खेती-किसानी भी कई गुना अधिक सुविधाजनक हो गई है.
कृषि के लिए तमाम तकनीकें इजाद की जा चुकी हैं, जो किसानों की मेहमत, पैसा, पानी और समय बचा रही हैं.
ये पूरी तरह से एनवायरमेंट फ्रेंडली हैं, जिनसे खेती में सिर्फ लाभ ही लाभ हो रहा है.
अब ना मौसम की चिंता रहती है और ना ही कीट-रोगों का डर.
ये तो थी बात खेती की, अब हमारे वैज्ञानिकों ने पशुपालन को भी आसान बनाने की तकनीक खोज ली है.
इसका नाम है काउ मॉनिटर सिस्टम, जिसे भारतीय डेयरी मशीनरी कंपनी (IDMC) ने इजाद किया है.
क्या है काउ मॉनिटर सिस्टम
ये एक बेल्टनुमा तकनीक है, जिसे मवेशी के गले में पहनाया जाता है.
इस तकनीक की मदद से पशुपालन ना सिर्फ अपने पशु की लोकेशन जान सकते हैं, बल्कि पशु के फुट स्टेप्स और मवेशियों की गतिविधियों से आगामी बीमारियों को पता लगाकर समय पर समाधान भी कर सकते हैं.
इससे पशुपालकों को लंपी जैसी महामारी या दुर्घटनाओं से बचने में खास मदद मिलेगी.
जानकारी के लिए बता दें कि यह तकनीकी डिवाइस भारतीय डेयरी मशीनरी कंपनी यानी आईडीएमसी ने इजाद की है, जो नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के अधीन काम करती है.
कैसे होगा इस्तेमाल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आईडीएमसी के काउ मॉनीटरिंग सिस्टम एक बेल्टनुमा डिवाइस है, जिसे गाय या भैंस के गले में पहना सकते हैं.
इस बेल्ट में जीपीएस भी लगा हुआ है. अब यदि आपका पशु घूमते-घूमते कहीं दूर निकल जाए तो उसके गले में पहनाई गई बेल्ड से कनेक्टिड डिवाइस से ट्रेक कर सकते हैं.
इस टैक्नोलॉजी की मदद से 10 किलोमीटर के दायरे में पशुओं की लोकेशन ट्रैक की जा सकती है.
जानकारी के मुताबिक, ये बेल्ट पशुओं के गर्भाधान के बारे में भी अपडेट देगी.
ये है खूबियां
भारतीय डेयरी मशीनरी कंपनी यानी आईडीएमसी के काउ मॉनीटरिंग सिस्टम की बैटरी लाइफ 3 से 5 साल की है, जिसकी कीमत 4,000 से 5,000 रुपये बताई जा रही है.
रिपोर्ट्स की मानें तो यह बेल्ट 3 से 4 महीने के अंदर पशुपालकों को उपलब्ध करवादी जाएगी.
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