सेम की खेती
भारत में सब्ज़ियों की खेती में सेम उत्पादन का एक महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि सेम की खेती कम लागत में अच्छा मुनाफा का सौदा है.
अगर आपको इसकी खेती कर और अच्छा मुनाफा कमाना है, तो ये लेख आपके लिए ही है.
इस लेख में हम आपको आसान भाषा में सेम की खेती करने का आसान तरीका बताने जा रहे हैं.
जैसा ही हम जानते हैं कि देश में किसान हर तरीके की सब्ज़ियों को अपने खेत में उगा लेते हैं. इसमें से एक सेम भी है.
वैसे वर्तमान में सेम की खेती कई राज्यों जैसे- उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में बड़े स्तर पर होती है, लेकिन आज भी ऐसे कई किसान भाई हैं, जिन्हें इसकी खेती की ज्यादा जानकारी नहीं है.
ऐसे में आज हम आपको इस लेख में सेम की खेती से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी देने जा रहे हैं.
सेम की खेती में कितना वक्त लगता है?
अगर आप सेम की खेती करते हैं, तो इसमें 3 से 5 महीने का वक्त लगेगा, लेकिन इसके एक बार लगने के बाद आप आसानी से इससे 3 से 4 महीने तक कमा सकते हैं.
इसकी खेती में कितना खर्च आता हैं?
जहाँ तक पूंजी की बात करें, तो अगर आपके पास अपना खुद का जमीन है, तो लगभग 20 से 25 हजार तक की लागत प्रति एकड़ पर आयेगी.
जलवायु कैसा होना चाहिए?
इसकी खेती ठंडी जलवायु में अच्छी होती है. इस फसल की खेती के लिए 15 से 22 डिग्री तापमान होना जरूरी है.
ऐसे में ये कहना सही होगा की पाला अधिक पड़ने वाले स्थानों को छोड़कर लगभग सभी ठंडी जलवायु वाले स्थानों में सेम सफलतापूर्वक उगाई जा सकती है.
भूमि कैसी होनी चाहिए?
दोमट, चिकनी व रेतीली मिट्टी इसकी खेती के लिए अच्छी मानी जाती है, लेकिन ध्यान रहे कि इसका पीएच मान 5.3 से 6.0 तक हो.
ध्यान रहे की आप जहां भी इसे लगा रहे है. वहां जल निकासी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए.
सेम की खेती करने का समय
आम तौर पर इसे रबी के मौसम के दौरान बोया जाता है.
वहीं, उत्तर भारत में इसकी खेती अगस्त-सितंबर और दिसंबर-फरवरी में भी की जा सकती है.
सेम की उन्नत किस्में
इसकी कई किस्मों में से किसान भाई सेम के अच्छे उत्पादन के लिए पूसा अर्ली, काशी हरितमा, काशी खुशहाल (वी.आर.सेम- 3), बी.आर.सेम-11, पूसा सेम- 2, पूसा सेम- 3, जवाहर सेम- 53, जवाहर सेम- 79, कल्याणपुर-टाइप, रजनी, एचडी- 1, एचडी- 18 और प्रोलिफिक आदि किस्मों की बुवाई कर सकते हैं.
सेम के बीज की मात्रा कितनी होनी चाहिए?
सेम की खेती में बीजों की मात्रा की बात करें, तो किसान भाईयों को करीब 5-7 kg प्रति हेक्टेयर बीज की जरूरत होगी.
सेम की बुवाई का आसान तरीका
भूमि पर लगभग 1.5 मीटर की चौड़ी क्यारियां बना लें.
क्यारियों के दोनों किनारों पर लगभग 1.5- 2.0 फीट की दूरी पर 2 से 3 सेंटीमीटर की गहराई में बीजों की बुवाई कर ले.
बीजों को रोग मुक्त करने के लिए कवकनाशी से उपचारित जरूर कर ले. यह बीज एक हप्ता के भीतर अंकुरित हो जायेगा.
जब पौधे लगभग 15-20 सेंटीमीटर तक बढ़ जाएं तो एक स्थान में सिर्फ़ एक स्वस्थ पौधा छोड़कर बाक़ी के पौधों को उखाड़ दें.
अच्छी बढ़वार के लिए किसान भाई पौधों को बांस की बल्लियों से सहारा दे सकते हैं.
source : krishijagran
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