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सफेद मूसली की खेती से लखपति बन रहे हैं किसान

 

क एकड़ की फसल पर 5 लाख रुपए तक हो रही है कमाई

 

सफेद मूसली की खेती के लिए सरकार अनुदान देती है, जिसके बारे में आप जिला उद्यान कार्यालय से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

खेती करने वाले किसान बताते हैं कि एक एकड़ में सफेद मूसली की कृषि करने पर 5 लाख रुपए तक की कमाई होती है.

 

सफेद मूसली औषधीय गुणों से भरपूर होता है. दुनिया भर में दवाई निर्माता इसकी खरीद करते हैं. इसी कारण इसकी मांग काफी ज्यादा है.

हालांकि मांग के मुकाबले उत्पादन नहीं होने से दिक्कतों को सामना भी करना पड़ता है. भारत के कई राज्यों में किसान अब सफेद मूसली की खेती करने लगे हैं.

सफेद मूसली की खेती के लिए सरकार अनुदान देती है, जिसके बारे में आप जिला उद्यान कार्यालय से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

खेती करने वाले किसान बताते हैं कि एक एकड़ में सफेद मूसली की कृषि करने पर 5 लाख रुपए तक की कमाई होती है.

 

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सफेद मूसली काफी उपयोदी पौधा है. कुदरती तौर पर यह पौधा बरसात के मौसम में जंगल में उगता रहा है. जड़ी-बूटी के जानकार वहां से पहचान कर इसे लाकर विभिन्न प्रकार की दवाइयां बनाते रहे हैं.

औषधीय क्षमता के कारण सफेद मूसली की पूरी दुनिया में मांग बड़ी तेजी से बढ़ रही है और अब व्यवसायिक खेती होने लगी है.

 

बुआई के लिए इन बातों का रखें ध्यान

सफेद मूसली की बुआई इसके घरकंदों यानी फिंगर्स से भी की जाती है. इसके लिए पूर्व की फसल से निकाली गई कंदों का प्रयोग किया जाता है.

बीज के लिए फिंगर्स का इस्तेमाल करते हुए यह बात ध्यान में रखी जाती है कि डिस्क या क्राउन का कुछ भाग इसके साथ में लगा रहे.

अगर ऐसा नहीं रहता है तो उगने में दिक्कत आती है. फिंगर्स का छिलका भी सही अवस्था में रहना चाहिए. अगर अस्वस्थ छिलका रहा तो फसल पर असर पड़ेगा.

 

अगर एक पौधे में 20 फिंगर्स हैं तो उससे 20 बीज बनाए जा सकते हैं. लेकिन इस बात का ध्यान रहे कि डिस्क अथवा क्राउन का कुछ भाग सभी के साथ लगा रहे.

यदि कंद छोटे हो तो पूरे से पूरे पौधे का उपयोग बुआई के लिए कर सकते हैं. पूर्ण विकसित पौधे को आप बेचने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं और छोटे पौधे को अलग कर बीज बनाने के काम में ला सकते हैं.

सफेद मूसली एक सालाना पौधा है, जिसकी ऊंचाई तकरीबन 40 से 50 सेंटी मीटर तक होती है. जमीन के अंदर जड़ 8 से 10 सेंटी मीटर का होता है.

 

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किस तरह की मिट्टी में होती है सफेद मूसली की खेती ?

सफेद मूसली की खेती के लिए गर्म जलवायु की जरूरत होती है. 60 से 115 सेंटी मीटर तक की बारिश अच्छी मानी जाती है.

इसकी खेती के लिए दोमट मिट्टी, रेतीली दोमट मिट्टी, लाल दोमट मिट्टी और लाल मिट्टी को सही माना जाता है.

अच्छी किस्म की जड़ों के लिए खेत की मिट्टी का पीएच मान 7.5 तक होना ठीक माना जाता है. 8 पीएच से ज्यादा वाले खेत में सफेद मूसली की खेती नहीं करना चाहिए.

 

जुलाई में लगाई जाती है फसल

सफेद मूसली जुलाई में लगाई जाती है. लगाने के तुरंत बाद सिंचाई करनी पड़ती है. बारिश नहीं होने की स्थिति में 7 से 10 दिन में सिंचाई करनी चाहिए.

फसल पकने के बाद सिंचाई सिर्फ एक बार करना चाहिए. अगर आप सफेद मूसली के पौधे को बीज के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आप इसकी कटाई मार्च-अप्रैल में कर सकते हैं.

वहीं बेचने के लिए आप दिसंबर में काट सकते हैं. बता दें कि सफेद मूसली की कटाई नहीं की जाती, इसे उखाड़ा जाता है.

 

एक एकड़ में सफेद मूसली के लगभग 80 हजार पौधे लगाए जाते हैं. यदि इनमें से 70 हजार अच्छे पौधे भी अंत में बचते हैं, जिनमें एक पौधे का औसतन वजन 30 ग्राम होता है तो किसान को लगभग 21 क्विंटल मूसली प्राप्त होती है. छीलने और सूखने के बाद यह 4 क्विंटल रह जाती है.

 

इन राज्यों में होती है सफेद मूसली की खेती

डीडी किसान के मुताबिक, भारत के कई राज्यों में सफेद मूसली की खेती होती है.

इनमें हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल प्रमुख हैं.

 

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