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प्याज की नर्सरी तैयार करने से लेकर पौध की रोपाई तक

 

प्याज की नर्सरी

 

अगर आप किसान हैं और पहली बार प्याज की खेती कर रहे हैं तो ये खबर आपके काम आ सकती है.

इस खबर में हम आपको प्याज की नर्सरी से लेकर पौध की रोपाई तक की जानकारी दे रहे हैं.

 

प्याज एक ऐसी फसल है जिसे लोग सब्जी और मसाला, दोनों रूप में खाते हैं.

वैसे तो देश के ज्यादातर हिस्सों में इसकी खेती साल में दो बार होती है, लेकिन यह रबी सीजन की प्रमुख फसलों में से एक है.

किसानों की इसकी खेती को ओर रुझान भी तेजी से बढ़ा है. प्याज का रकबा हर साल बढ़ रहा है.

अगर आप किसान हैं और पहली बार प्याज की खेती कर रहे हैं तो ये खबर आपके काम आ सकती है.

इस खबर में हम आपको प्याज की नर्सरी से लेकर पौध की रोपाई तक की जानकारी दे रहे हैं.

नर्सरी की तैयारी

  • प्याज की उन्नत एवं सिफारिश की गयी किस्म के बीज को 3 मीटर लम्बी व 1 मीटर चौड़ी, 15 सेमी ऊँची क्यारियों में बोएं.
  •  500 वर्ग मीटर क्षेत्र में तैयार की गयी नर्सरी की पौध एक हेक्टेयर क्षेत्र में फसल उगने के लिए पर्याप्त होती है.
  •  बीजों को क्यारी में बोने से पूर्व केप्टान या थायरम नामक फफुंदनाशक दवा से 2 ग्राम प्रति किग्रा बीज या ट्राईकोडर्मा विरीडी से 5 ग्राम प्रति किलो ग्राम बीज की दर से उपचारित करें.
  • उपचारित बीजों को 5 सेमी के अंतर पर बने गई कतारों मे 1 से 2 सेमी गहरे पर बाएं.
  •  इसके बाद कम्पोस्ट खाद या मिट्टी की हलकी परत से बीजों को ढंककर झारे से पानी दें और क्यारियों को घास फूस या अन्य किसी वनस्पति आवरण से ढंक दें.
  • बीज जब अच्छी तरह अंकुरित हो जाए तो क्यारियों से घास फूस हटा दें.
  • इसके पहले यदि नर्सरी में सिंचाई की आवश्यकता हो तो सूखी घास हटा कर सिंचाई करने के बाद क्यारियों को फिर से सूखी घास से ढंक दें.
  • अंकुरण के बाद पौधों को जड़ गलन बीमारी से बचने के लिए 2 ग्राम केप्टान या थायरम दवा को एक लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें.
  • खरीफ में बुआई के लगभग 6-7 सप्ताह बाद तथा रबी में 8-9 सप्ताह बाद पौध खेत में रोपण के लिए तैयार हो जाती है.

 

पौध की रोपाई

  • जब पौध लगभग 15 सेमी ऊंचाई के हो जाएं तब वह खेत में रोपाई के लिए उपुक्त होते हैं.
  • रोपाई के पूर्व पौध की जड़ों को बाविस्टीन दवा की 2 ग्राम मात्रा के 1 लीटर पानी में बने हुए घोल में 15-२० मिनिट डुबोकर रखें, उसके बाद रोपाई करे ताकि फसल को बेंगनी धब्बा रोग से बचाया जा सके.
  • रोपाई करते समय कतारों के बीच की दूरी 15 सेमी तथा पौध से पौध की दूरी 10 सेमी रखें.

 

रोपाई करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
  •  पौध को रोपनी से उखाड़ने के 2-3 घंटे पहले क्यारियों को सिंचित कर लेना चाहिए जिससे पौध आसानी से उखाड़ सकें.
  •  पौध की पत्तियों को रोपाई से पूर्व ऊपर से एक चोथाई तक काट लेना चाहिए , ऐसा करने से पौध जमीन में जल्दी लग जाती है.
  •  पौध की रोपाई सही समय (खरीफ में 6-7 सप्ताह बाद तथा रबी में 8-8 सप्ताह बाद) पर करना चाहिए.
  • छोटी या बड़ी उम्र की पौध की खेत में रोपाई करने से प्रति इकाई क्षेत्र से उत्पादन कम मिलता है व उत्पादित प्याज की गुणवत्ता मे व भण्डारण क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.
  • जहाँ तक संभव हो पौध की रोपाई शाम के समय करना चाहिए.

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