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किसानों की कमाई बढ़ाने के लिए मुफ्त में बीज देगी सरकार

 

एक हेक्टेयर में 20 क्विंटल से अधिक होगी सोयाबीन की उपज

 

सरकार किसानों को मुफ्त में ज्यादा उपज वाले तिलहन के बीज बांटेगी.

कृषि मंत्रालय के इस फैसले के पीछे उदेश्य यह है कि देश तिलहन उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बने और बढ़ी हुई खाद्य तेल की कीमतों से आने वाले समय में लोगों को राहत दी जाए.

 

केंद्र सरकार किसानों को मुफ्त में ज्यादा उपज वाले तिलहन के बीज बांटेगी.

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के इस फैसले के पीछे उदेश्य यह है कि देश तिलहन उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बने.

साथ ही बढ़ी हुई खाद्य तेल की कीमतों से आने वाले समय में आम आदमी को राहत दी जाए. सरकार ने इसके लिए एक बहुआयामी रणनीति बनाई है.

इस निर्णय के बारे में बताते हुए कृषि मंत्रालय ने कहा कि वितरित किए जाने वाले सोयाबीन के बीज में प्रति हेक्टेयर कम से कम 20 क्विंटल की उपज होगी.

 

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केंद्र सरकार ने बताया कि उसने इस वर्ष जुलाई से शुरू होने वाले आगामी खरीफ (गर्मी) मौसम में तिलहन के तहत 6.37 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त रकबा लाने के लिए एक बहुस्तरीय रणनीति तैयार की है.

इसके अलावा, सरकार ने वर्ष 2021-22 के खरीफ सत्र में किसानों को तिलहन, विशेष रूप से सोयाबीन और मूंगफली की अधिक उपज देने वाली बीज वितरित करने का निर्णय लिया है.

 

120 लाख टन तिहलन के उत्पादन की संभावना

पिछले साल खरीफ सत्र के दौरान 208.2 लाख हेक्टेयर और रबी (सर्दियों) सत्र में 80 लाख हेक्टेयर में तिलहन बोया गया था.

एक बयान में, कृषि मंत्रालय ने कहा कि उसने तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए एक बहुस्तरीय रणनीति तैयार की है.

इसमें कहा गया है, ‘भारत सरकार ने वर्ष 2021 के खरीफ सत्र के लिए किसानों को एक मिनी किट के रूप में अधिक उपज देने वाले बीजों का मुफ्त वितरण करने की एक महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दी है.’

 

विशेष खरीफ कार्यक्रम तिलहन के तहत 6.37 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को लाने की संभावना है.

इससे 120.26 लाख क्विंटल तिलहन और 24.36 लाख क्विंटल खाद्य तेल का उत्पादन होने की संभावना है.

मंत्रालय ने कहा कि राज्य सरकारों के साथ विचार-विमर्श के बाद, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (तिलहन और पामतेल) के तहत किसानों को मुफ्त में सोयाबीन और मूंगफली बीज के दाने वितरित करने की योजना तैयार की गई है.

 

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8 राज्यों के 73 जिलों में वितरित किए जाएंगे सोयाबीन के बीज

मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के 41 जिलों में अंतर-फसल के लिए 76.03 करोड़ रुपए की लागत से सोयाबीन के बीज वितरित किए जाएंगे.

यह 1.47 लाख हेक्टेयर रकबे को अपने दायरे में लेगा.

इसके अलावा, 104 करोड़ रुपए की लागत के साथ सोयाबीन के बीज आठ राज्यों ( मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात) के अधिक संभावना वाले 73 जिलों में वितरित किए जाएंगे.

इन राज्यों में 3,90,000 हेक्टेयर का रकबा शामिल होगा.

मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना छत्तीसगढ़, गुजरात, उत्तर प्रदेश और बिहार के 90 जिलों में लगभग 8.16 लाख बीज के मिनी-किट वितरित किए जाएंगे.

यहां खेती का रकबा 10.06 लाख हेक्टेयर होगा.

 

सरकार की कोशिश खाद्य तेलों का आयात कम करना

मूंगफली के मामले में, मंत्रालय ने कहा कि गुजरात, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में लगभग 74,000 मूंगफली के बीज वाले मिनी किट वितरित किए जाएंगे.

तिलहन और पामतेल पर राष्ट्रीय मिशन के माध्यम से सरकार का उद्देश्य खाद्य तेलों की उपलब्धता को बढ़ाना और उनके आयात को कम करना है.

 

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