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प्याज के दाम में आग लगाएगी ‘ताउते’ की ये बारिश

 

फिलहाल पिछले साल के मुकाबले किसानों को अच्छा मिल रहा है प्याज का दाम.

 

बेमौसम बारिश और बढ़ाएगी उपभोक्ताओं की परेशानी.

 

चक्रवाती तूफान ताउते के दुष्प्रभाव की वजह से देश के कई राज्यों के किसान परेशान हैं.

बेमौसम और जरूरत से बहुत अधिक बारिश ने जहां किसानों की परेशानी बढ़ाई है.वहीं इसका असर उपभोक्ताओं पर भी पड़ना तय है.

क्योंकि जब किसी फसल को बड़े पैमाने पर नुकसान होगा तो उसकी कमी होगी और कमी होगी तो उसका दाम बढ़ जाएगा. प्याज ऐसी ही एक फसल है, जिसकी महंगाई पर बहुत जल्दी हाहाकार मचता है.

 

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इस बारिश में इसका बहुत नुकसान हुआ है.

इस साल फरवरी मार्च में महाराष्ट्र के कई हिस्सों में ओले से प्याज खराब हुई थी और अब उत्तर भारत में ‘ताउते’ तूफान की बारिश इसकी फसल को लेकर डूब गई है.

ऐसे में इस साल बाजार में प्याज डिमांड के मुताबिक कम रहने का अनुमान है. ऐसा हुआ तो इसके दाम में आग लगेगी.

 

किसी न किसी वजह से पिछले दो साल से उपभोक्ताओं को काफी महंगा प्याज खरीदना पड़ रहा है. इसका दाम 100 से 200 रुपये किलो तक पहुंचा है.

इसलिए इस बार की सॉर्टेज भी कहीं न कहीं किसानों के बाद उपभोक्ताओं की जेब पर असर डालेगी. प्याज का सबसे बड़ा उत्पादक महाराष्ट्र है.

इसके दो और उत्पादकों यूपी और बिहार में ज्यादातर किसानों की प्याज की फसल पानी में डूबी है. उसे बचाना अब मुश्किल है.

 

अभी नहीं आई है नुकसान की रिपोर्ट

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक 2020-21 में 26.09 मिलियन टन प्याज उत्पादन होने का अनुमान है.

इस साल देश के 15,95,000 हेक्टेयर में इसकी खेती हुई थी. अब बारिश से इसका कितना नुकसान हुआ, इसकी जानकारी सरकार ने अब तक नहीं दी है.

जब हमने नेशनल हॉर्टिकल्चर कमिश्नर बीएनएस मूर्ति से बातचीत की तो उन्होंने कहा-बागवानी फसलों के नुकसान की रिपोर्ट आने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है. एक-दो दिन में रिपोर्ट सकती है.

 

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इस समय भी है प्याज में तेजी

साल 2020 में 20 मई को देश की कई प्याज मंडियों में 1 रुपये से लेकर 12 रुपये किलो तक का रेट था.

लेकिन इस साल ऐसा नहीं है. इस बार थोक दाम 11-15 रुपये से ऊपर ही है. इस साल दिल्ली की आजादपुर मंडी में रेट 7.5 रुपये से लेकर 18.75 रुपये प्रति किलो तक है.

खुले मार्केट में उपभोक्ताओं को 25 रुपये का रेट मिल रहा है.

 

प्याज उत्पादक संघ महाराष्ट्र के संस्थापक अध्यक्ष भारत दिघोले के मुताबिक नुकसान होगा तो दाम में वृद्धि होगी लेकिन कितनी वृद्धि होगी यह नहीं कहा जा सकता.

नकली बीज की वजह से इस साल पैदावार पहले से ही कम है. दाम अच्छा मिलेगा तभी किसानों के नुकसान की भरपाई हो पाएगी.

प्याज ऐसा कृषि उत्पाद है जिसके दाम में बहुत तेजी से उतार-चढ़ाव होता है.

 

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