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12 जिलों में गरज चमक के साथ भारी बारिश का अलर्ट कई सिस्टम भी एक्टिव

मंगलवार को भोपाल, जबलपुर एवं नर्मदापुरम संभागों के जिलों में तथा रतलाम, शाजापुर, आगर, देवास, शिवपुरी, ग्वालियर, श्योपुरकलां, सागर, दमोह, पन्ना, अनूपनगर, डिंडोरी एवं उमरिया जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है।

 

वर्तमान में 4 वेदर सिस्टम एक्टिव

बंगाल की खाड़ी व अरब सागर लगातार नमी मिलने के कारण प्रदेशभर में बारिश का दौर जारी है। ग्वालियर में 26 से 27 जुलाई के बीच मध्यम वर्षा के आसार रहेंगे। इंदौर और आसपास इलाकों में तेज और झमाझम बरसात अगस्त में होगी।

एमपी मौसम विभाग ने आज मंगलवार 26 जुलाई 2022 को 2 संभागों और 6 जिलों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। वही सभी संभागों बिजली गिरने और चमकने का भी येलो अलर्ट जारी किया गया है।

 

लेकर येलो अलर्ट

एमपी मौसम विभाग के अनुसार, आज मंगलवार 26 जुलाई को 2 संभागों समेत 6 जिलों में गरज चमक के साथ भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।

इसमें शहडोल और चंबल संभाग के साथ बैतूल, विदिशा, सीहोर, मंडला, बालाघाट, सिवनी जिले में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। वही रीवा, सागर, शहडोल, उज्जैन, इंदौर जबलपुर, भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर, चंबल संभाग में बिजली गिरने और चमकने के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।

मंगलवार को भोपाल, जबलपुर एवं नर्मदापुरम संभागों के जिलों में तथा रतलाम, शाजापुर, आगर, देवास, शिवपुरी, ग्वालियर, श्योपुरकलां, सागर, दमोह, पन्ना, अनूपनगर, डिंडोरी एवं उमरिया जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है।

 

चक्रवातीय परिसंचरण

एमपी मौसम विभाग  के अनुसार, वर्तमान में 4 वेदर सिस्टम एक्टिव है। पहला दक्षिणी पाकिस्तान के ऊपर निम्न दाब क्षेत्र समुद्र तल से 7.6 किमी की ऊँचाई तक फैले दक्षिण – पश्चिमी झुकाव वाले संयुग्मित चक्रवातीय परिसंचरण के साथ सक्रिय है।

जबकि दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश के ऊपर सक्रिय चक्रवातीय परिसंचरण समुद्र तल से 3.1 किमी की ऊँचाई पर सक्रिय है। साथ ही मानसून ट्रफ निम्न दाब क्षेत्र से लेकर जैसलमेर-जयपुर और ग्वालियर-बांदा-सीधी होते हुए

अम्बिकापुर, बालासोर तथा पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत है। वहीं दक्षिणी अंडमान सागर में भी चक्रवातीय परिसंचरण सक्रिय है।

 

राज्य सरकार अलर्ट

मध्य प्रदेश में मानसून की लगातार बारिश होने से नदियों के साथ बाँध और जलाशयों के जल-स्तर में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है, जिसकी राज्य स्तर पर स्थित बाढ़ आपदा नियंत्रण केन्द्र द्वारा सतत निगरानी रखी जा रही है।राज्य शासन द्वारा किसी भी प्राकृतिक आपदा और बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिये आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। निचले क्षेत्रों में रहने वाली नागरिकों को समय पर सूचना दी जा रही है और आवश्यक ऐहतियाती उपाय किये जा रहे हैं। जलाशयों के गेट खोल कर जल आवक को नियंत्रित किया जा रहा है।

 

नदियों का जलस्तर बढ़ा

पश्चिमी मध्यप्रदेश में अब तक के अनुमान से करीब 46 प्रतिशत अधिक बारिश होने से नदियों का जल-स्तर बढ़ा हुआ है। प्रदेश के 15 से अधिक जलाशयों में 70 से 90 प्रतिशत तक जल-भराव हो चुका है।

भारी बारिश के चलते प्रदेश के अधिकतर डेम के गेट जुलाई के दूसरे सप्ताह से ही खोलना पड़ा है। बाँध और जलाशयों में पर्याप्त जल होने से विद्युत उत्पादन बढ़ा है। खरगोन स्थित ओंकारेश्वर बाँध और खंडवा स्थित इंदिरा सागर बाँध से क्षमता अनुसार बिजली उत्पादन हो रहा है।

कालियासोत बाँध में 91.20% भराव हो चुका है। भोपाल में भदभदा, कलियासोत, केरवा खरगोन स्थित ओंकारेश्वर बाँध, राजघाट बाँध और खंडवा में इंदिरा सागर बाँध के गेट खोले गए हैं।

 

डेढ़ दर्जन बांधों के गेट खोले

अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्रा और ईएनसी मदन सिंह डाबर ने निर्देश दिये हैं कि जलाशय से पानी छोड़ने की स्थिति में बाँध के समीप और निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पहले अलर्ट किया जाए, उसके बाद ही पानी छोड़ा जाए,

जिससे किसी प्रकार की आपातकालीन स्थिति नहीं बनें। जल-ग्रहण क्षेत्र में जल आवक के अनुसार ही पानी छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे स्थिति समान्य बनी रहे। MP के करीब डेढ़ दर्जन बाँध के गेट खोलने के स्थिति उत्पन्न हो गई है।

जल संसाधन विभाग के मैदानी अधिकारी लगातार निरीक्षण कर विभाग के मंत्री और संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट भेज रहे हैं। विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी बाँधो में जल-भराव की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

 

पिछले 24 घंटे का बारिश का रिकॉर्ड

सोमवार सुबह 8.30 से शाम 5.30 बजे तक रायसेन में 67 (2.63 इंच), मंडला में 43 (1.69 इंच) , भोपाल में 30.1 (1.18 इंच), धार व गुना में 21, खंडवा में 11, खजुराहो में 10, रीवा, सतना, सीधी में 9, ग्वालियर में 8.2, , रतलाम में 4, खरगोन में 3, नौगांव, सागर, बैतूल में 2, इंदौर में 1.1, जबलपुर में 0.8 मिमी वर्षा दर्ज की गई।

 

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