रबी सीजन की सबसे मुख्य फसल गेहूं हैं, जिसकी खेती देश के लगभग सभी जलवायु क्षेत्रों में की जाती है।
ऐसे में सभी क्षेत्रों के किसान इसकी अधिक से अधिक पैदावार प्राप्त करके अपनी आमदनी बढ़ा सकें इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा देश के अलग-अलग क्षेत्रों के लिए गेहूं की उन्नत किस्में विकसित की जा रही हैं जो रोग-रोधी होने के साथ ही ज्यादा पैदावार भी देती हैं।
गेहूं की डुरम प्रजाति के गेहूं की किस्म पूसा तेजस HI 8759 का विकास कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा किया गया है।
पूसा तेजस HI 8759
केंद्रीय किस्म विमोचन समिति द्वारा इस क़िस्म को खेती के लिए वर्ष 2017 में जारी किया गया था।
गेहूं की यह किस्म देश के मध्य क्षेत्र के लिए अधिसूचित की गई है।
जिसमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, कोटा और राजस्थान के उदयपुर डिवीजन और उत्तर प्रदेश के झाँसी डिवीजन शामिल हैं।
पूसा तेजस HI 8759 की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार है :-
पूसा तेजस HI 8759 की विशेषताएँ
- पूसा तेजस कठिया या ड्यूरम गेहूं (durum wheat) की एक किस्म है।
- यह किस्म देश के मध्य क्षेत्र की जलवायु के लिए अनुकूल है।
- गेहूं की यह किस्म रबी सीजन में समय पर बुआई और सिंचित अवस्था के लिये उपयुक्त है।
- यह किस्म औसतन 117 दिनों में पककर कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
- पूसा तेजस किस्म गेहूं के काले और भूरे रतुए के लिये प्रतिरोधी है।
- HI 8759 की औसत उपज क्षमता 56.9 क्विंटल प्रति हेक्टेयर एवं अधिकतम उपज क्षमता 75.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
- इस किस्म में प्रोटीन की मात्रा 12.1 प्रतिशत, पीले वर्णक 5.7 ppm, लौह की मात्रा 42.1 ppm और जस्ता 42.8 ppm होती है।
- पूसा तेजस किस्म उच्च तापमान के लिये सहिष्णु है।
यह भी पढ़ें : गाय पालन करने वालों को अनुदान के साथ ही दिए जाएँगे क्रेडिट कार्ड