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फैमिली बिजनेस छोड़कर शुरू की हर्बल फार्मिंग

 

अब आयुर्वेदिक प्रोडक्ट बेचकर करते हैं करोड़ों में कमाई

 

2007 में 23 साल की उम्र में इस हर्बल फार्मिंग की शुरुआत करने वाले श्रवण डागा कहते हैं कि कोरोना काल से पहले कंपनी का टर्नओवर हर महीने करीब 1 करोड़ रुपए था.

कोरोना के बाद आयुर्वेदिक उत्पादों की मांग में काफी तेजी देखी गई. इसके बाद हमारा टर्नओवर 2 करोड़ से अधिक हो गया.

 

कृषि क्षेत्र आपार संभावनाओं से भरा है. अगर आप मेहनत और लगन से काम करते हैं तो सफलता तय है.

यहीं कारण है कि हर क्षेत्र से लोग आकर खेती में किस्मत आजमा रहे हैं और सफल भी हो रहे हैं.

ऐसी ही कहानी है जोधपुर के श्रवण डागा की. जब खेती को उन्होंने अपना पेशा चुना तो कुछ अलग करने की ठानी.

श्रवण ने पारंपरिक खेती की बजाय हर्बल फार्मिंग को अपनाया और आज वे अपने खेत के उत्पादों से बने प्रोडक्ट बेचकर हर साल करोड़ों में कमाई कर रहे हैं.

 

जोधपुर के रहने वाले श्रवण डागा का परिवार धातुओं के व्यापार से जुड़ा था.

परिजन चाहते थे कि श्रवण इसी बिजनेस को आगे बढ़ाएं, लेकिन वे कुछ अलग करना चाहते थे.

इसीलिए उन्होंने हर्बल फार्मिंग को अपना पेशा चुना. श्रवण डागा आज अपने खेतों में आंवला, एलोवेरा और अन्य इसी तरह के पौधों की बड़े पैमाने पर खेती करते हैं.

श्रवण डागा बताते हैं कि हर्बल फार्मिंग करने वाले किसानों से भी उत्पाद खरीदते हैं.

 

कोरोना के बाद टर्नओवर हुआ दोगुना

श्रवण डागा कृष्णा आयुर्वेद एंड हर्बल नाम से अपने उत्पादों को बाजार में बेचते हैं.

उनकी कंपनी आयुर्वेदिक जूस, दवाई, चूर्ण और हर्बल ब्यूटी प्रोडक्ट बनाती है.

वो कहते हैं कि पूरे देश में हमारी कंपनी के प्रोडक्ट की मांग है और कोरोना के बाद इसमें काफी तेजी देखने को मिल रही है.

 

2007 में 23 साल की उम्र में इस हर्बल फार्मिंग की शुरुआत करने वाले श्रवण डागा कहते हैं कि कोरोना काल से पहले कंपनी का टर्नओवर हर महीने करीब 1 करोड़ रुपए था.

कोरोना के बाद आयुर्वेदिक उत्पादों की मांग में काफी तेजी देखी गई.

इसके बाद हमारा टर्नओवर 2 करोड़ से अधिक हो गया. वित्त वर्ष 2020-21 में 12 करोड़ का टर्नओवर हासिल करने वाले श्रवण डागा की कंपनी इस वित्त वर्ष में 30 करोड़ तक पहुंचने का लक्ष्य लेकर चल रही है.

 

अन्य किसानों के लिए बन रहे प्रेरणास्रोत

टीवी9 से बात करते हुए कृष्णा डागा ने बताया कि मैंने अपनी सेविंग्स से इस काम की शुरुआत की थी.

पहले काफी छोटे स्तर पर हम इस काम को करते थे. धीरे-धीरे लोगों में जागरूकता बढ़ी और हर्बल उत्पादों का इस्तेमाल बढ़ने लगा.

स्वास्थ्य के प्रति सचेत लोग हर्बल प्रोडक्ट को बेस्ट मानते हैं.

 

मांग को पूरा करने और प्रोडक्ट की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए कृष्णा डागा खुद ही आंवला, एलोवेरा और नीम जैसी औषधीय गुणों वाले पौधों की खेती करते हैं.

उनकी इस सफल कोशिश को देखकर क्षेत्र के अन्य किसान भी हर्बल फार्मिंग कर रहे हैं और उनकी आय में भी बढ़ोतरी हो रही है.

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