हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

मोदी सरकार ने पूरा किया 2.5 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड बनाने का लक्ष्य

 

आसान होगा अन्नदाताओं का काम

 

पीएम किसान स्कीम के जरिए आसान हुआ केसीसी बनवाना, सरकार चाहती है कि कर्ज के लिए साहूकारों के चंगुल में न फंसें किसान.

हालांकि, कृषि कर्ज को लेकर बैंकिंग सेक्टर का एंटी फार्मर माइंडसेट बदलना आसान नहीं.

 

मोदी सरकार ने सिर्फ 20 महीने में ही 2.5 करोड़ किसानों का किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के लक्ष्य को पूरा कर लिया है.

केंद्र ने फरवरी 2020 के अंतिम दिन पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के लाभार्थियों सहित सभी किसानों तक केसीसी पहुंचाने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया था.

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि अभियान के तहत 2.51 करोड़ से अधिक केसीसी जारी किए गए हैं, जिसकी स्वीकृत क्रेडिट सीमा 2,64,528 करोड़ रुपये है.

सरकार चाहती है कि सभी किसान केसीसी का फायदा उठाएं, ताकि उन्हें साहूकारों से कर्ज न लेना पड़े.

 

अभी भी देश के कई राज्यों में किसान साहूकारों से मोटे ब्याज पर कर्ज लेते हैं.

एनएसएसओ (NSSO) के मुताबिक साहूकारों से सबसे ज्यादा 61,032 रुपये प्रति किसान औसत कर्ज आंध्र प्रदेश में है.

दूसरे नंबर पर 56,362 रुपये औसत के साथ तेलंगाना है और तीसरे नंबर पर 30,921 रुपये के साथ राजस्थान है.

इसीलिए सरकार तेजी से किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने की कोशिश कर रही है, ताकि खेती के लिए सबसे सस्ता लोन उपलब्ध हो.

हालांकि, बैंकिंग सेक्टर का माइंडसेट एंटी फार्मर है, इसलिए सरकारी दबाव के बावजूद किसानों को आसानी से कृषि लोन नहीं मिलता.

 

कैसे आसान हुआ किसानों का काम?

किसान नेता बिनोद आनंद का कहना है कि दरअसल, सरकार ने अन्नदाताओं की कर्ज से संबंधित समस्या को कम करने के लिए क्रेडिट कार्ड योजना को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम से लिंक कर दिया था.

 

पीएम किसान स्कीम के तहत देश के 11.45 करोड़ किसानों का आधार कार्ड, रेवेन्यू रिकॉर्ड और बैंक अकाउंट नंबर का डेटाबेस केंद्र सरकार के पास आ चुका है.

जिन किसानों को 6000 रुपये वाली स्कीम का लाभ मिल रहा है, उनके इस रिकॉर्ड को केंद्रीय कृषि मंत्रालय पहले ही अप्रूव्ड कर चुका है.

 

ऐसे में पीएम किसान योजना के लाभार्थी द्वारा केसीसी के लिए आवेदक करने पर बैंक के पास ना नुकुर करने के लिए कुछ खास नहीं बचता. वो ऐसे आवेदक किसान को तंग नहीं कर सकता.

किसान बैंक को बोल सकता है कि उसे पीएम किसान स्कीम का लाभ मिल रहा है और उसका हर रिकॉर्ड केंद्र और राज्य सरकार की ओर से वेरिफाई हो चुका है.

 

किसान क्रेडिट कार्ड योजना में क्या-क्या बदला

इतने कम समय में 2.5 करोड़ से अधिक किसानों को केसीसी दिलवाना सरकार के लिए आसान नहीं था.

इसके लिए सरकार ने बैंकों पर काफी दबाव डाला है.

केसीसी देना आसान करने के लिए सरकार ने इसके नियमों में कई बदलाव किए हैं.

 

प्रोसेसिंग फीस माफी: केंद्र सरकार ने 3 लाख रुपये तक के कृषि कर्ज के लिए सेवा शुल्क और प्रोसेसिंग फीस को खत्म कर दिया गया है.

पहले केसीसी बनवाने के लिए इंस्पेक्शन और लेजर फोलियो चार्ज लगता था. उस पर 3-4 हजार रुपये तक खर्च हो जाते थे.

अगर कोई बैंक अब भी किसी किसान से ये चार्ज वसूलता है तो उस पर कार्रवाई हो सकती है.

 

बिना गारंटी लोन की लिमिट में वृद्धि: किसान क्रेडिट कार्ड के तहत किसानों को खेती के लिए बिना गारंटी के ही 1.60 लाख रुपए का लोन देने का प्रावधान कर दिया गया है.

पहले यह सीमा सिर्फ 1 लाख रुपये तक ही थी. सरकार बिना गारंटी लोन इसलिए दे रही है ताकि अन्नदाता साहूकारों के चंगुल में न फंसे.

 

दो सप्ताह के भीतर पास करने का आदेश: केंद्र सरकार ने बैंकों को आदेश दिए हैं कि आवेदन स्वीकार होने के 14 दिन के अंदर केसीसी बनाकर देना होगा.

ऐसा न होने की शिकायत मिली तो बैंक के संबंधित कर्मचारी के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.

सरकार ने कहा है कि केसीसी बनाने के लिए पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, जमीन का रिकॉर्ड और फोटो ही देनी होगी. इतने में ही बैंक को केसीसी बनाना पड़ेगा.

 

सबसे सस्ता लोन

किसान क्रेडिट कार्ड पर मिले कर्ज (Loan) की ब्याजदर 9 फीसदी बनती है. लेकिन सरकार इसमें 2 परसेंट की सब्सिडी प्रदान करती है.

इसलिए इसका रेट 7 फीसदी रह जाता है. समय पर पैसा रिटर्न करने वालों को 3 फीसदी छूट और मिल जाती है.

कुल मिलाकर अगर आप समय पर बैंक को पैसा लौटा रहे हैं तो 4 फीसदी से अधिक ब्याज नहीं लगता.

 

कृषि कर्ज का कितना लक्ष्य

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में 16.5 लाख करोड़ रुपये का कृषि लोन बांटने का टारगेट रखा है.

ताकि किसानों को आसानी से लोन मिल पाए. खासतौर पर डेयरी और मछली पालन में जुटे लोगों को.

सरकार चाहती है कि पीएम किसान योजना के सभी लाभार्थी केसीसी स्कीम का लाभ लें.

ताकि उन्हें साहूकारों से मोटे ब्याज पर खेती के लिए कर्ज लेने से छुटकारा मिल जाए.

 

कितना दिया जा चुका है लोन

कृषि मंत्री तोमर के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में किसानों को केसीसी के जरिए 14 लाख करोड़ रुपये का लोन पहले ही दिया जा चुका है.

भारत सरकार कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.

जिसमें किसान क्रेडिट कार्ड की भूमिका अहम है. क्योंकि इसके जरिए चुनौतीपूर्ण समय में किसानों को रियायती दर पर कर्ज की उपलब्धता सुनिश्चित होगी.

source

 

यह भी पढ़े : ये हैं प्याज की 5 सबसे उन्नत किस्में

 

यह भी पढ़े : खेत से ब्रोकली तोड़ने के मिलेंगे 63 लाख सालाना

 

यह भी पढ़े : खेत मे भर गया इतना पानी, कि नाव से मक्का निकलना पड़ा

 

शेयर करे