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मध्य प्रदेश में प्री-मानसून गतिविधियों में तेजी

 

अनेक इलाकों में बारिश की संभावना

 

विदिशा, रायसेन, भोपाल, खंडवा, खरगोन, धार, इंदौर, उज्जैन, नीमच, मंदसौर, गुना एवं शिवपुरी जिलों में गरज-चमक के साथ पड़ सकती हैं बौछारें।

 

केरल से आगे बढ़कर मानसून मुंबई तक पहुंच गया है।

इसके चलते मध्यप्रदेश में भी मानसून के प्रवेश करने की उल्‍टी गिनती शुरू हो गई है। वातावरण में लगातार आ रही नमी के कारण जहां उमस बढ़ गई है |

वहीं राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में दोपहर के बाद गरज-चमक के साथ बौछारें भी पड़ रही हैं।

मौसम विज्ञानियों के अनुसार वर्तमान में मप्र में दो वेदर सिस्टम बने हुए हैं। इस वजह से वातावरण में लगातार नमी बढ़ रही है। इस वजह से मानसून पूर्व की गतिविधियों में भी तेजी आने लगी है।

वर्तमान में प्रदेश के अधिकांश जिलों में बारिश की संभावना बनी हुई है। बादल छाए रहने से पूरे प्रदेश में अधिकतम तापमान में अधिक बढ़ोतरी भी नहीं हो रही है।

 

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मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि रविवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 36.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया |

जो सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस कम रहा। साथ ही शनिवार के अधिकतम तापमान (34.7 डिग्री सेल्सियस) की तुलना में 2.2 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा ।

 

यहां पानी के गिरने के आसार

साहा ने बताया कि सोमवार-मंगलवार को होशंगाबाद, सागर, जबलपुर, रीवा एवं शहडोल संभाग के जिलों में तथा विदिशा, रायसेन, भोपाल, खंडवा, खरगोन, धार, इंदौर, उज्जैन, नीमच, मंदसौर, गुना एवं शिवपुरी में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।

 

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सक्रिय हैं चार वेदर सिस्टम

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में दक्षिण-पश्चिम मप्र पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है।

इस चक्रवात से लेकर तमिलनाडू तक एक द्रोणिका लाइन (ट्रफ) बनी हुई है। अरब सागर के गुजरात तट पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है।

इसी तरह समुद्र तट पर गोवा और उससे लगे कर्नाटक पर भी एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इन चार वेदर सिस्टम के कारण नमी मिल रही है।

इस वजह से राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ रही हैं।

 

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