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छोटे जोत वाले किसानों के सिर से उतर जाएगा फसल बीमा के प्रीमियम का बोझ

 

प्रदेश में और प्रभावी होगी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

 

सरकार जमा करेगी प्रीमियम

 

किसानों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए शिवराज सरकार किसान हित में एक और बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रही है।

इसके तहत छोटे जोत (पांच एकड़ तक) के किसानों के फसल बीमा का प्रीमियम सरकार अपनी ओर से जमा करा सकती है।

इससे न सिर्फ उन्हें प्राकृतिक आपदा के समय सुरक्षा चक्र मिल जाएगा बल्कि ज्यादा से ज्यादा किसान फसल बीमा के दायरे में भी आ जाएंगे। अभी छोटी जोत के किसान बीमा कम करवा पाते हैं।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समीक्षा की थी, जिसमें यह बात सामने आई है। फसल बीमा योजना के लिए सरकार नई योजना लागू करने की तैयारी में जुटी है।

 

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कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि योजना में किसान को खरीफ फसलों के लिए दो और रबी फसलों का बीमा कराने के लिए डेढ़ प्रतिशत प्रीमियम देना होता है।

दो-तीन एकड़ भूमि वाले किसान यह राशि भी जमा नहीं कर पाते हैं। बीमा योजना का लाभ अधिकांश बड़ी जोत वाले सक्षम किसान उठाते हैं।

जबकि योजना का मकसद सभी किसानों को प्राकृतिक आपदा के जोखिम से सुरक्षित करने का है।

 

लाखों किसानों को मिलता है बीमा लाभ

पिछले साल आठ लाख 40 हजार किसानों को खरीफ फसल 2018 के लिए एक हजार 021 करोड़ रुपये का बीमा दिलाया गया।

वहीं, छह लाख 60 हजार किसानों को रबी फसल 2018 19 के लिए एक हजार 60 करोड़ रुपये का बीमा दिलाया गया।

खरीफ फसल 2010 के लिए लगभग 22 लाख किसानों को चार हजार 686 करोड़ रुपये का बीमा लाभ दिया गया है।

 

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बराबर अनुपात में केंद्र व राज्य सरकार देती है प्रीमियम राशि

बीमा कंपनियों को किसान के हिस्से के अलावा प्रीमियम की राशि केंद्र और राज्य सरकार बराबर अनुपात में देती हैं। प्रदेश में लगभग एक करोड़ दो लाख किसान हैं।

कृषि मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अधिक से अधिक किसानों को लाभ दिलाने के लिए पिछले साल न सिर्फ वनाधिकार पट्टे वाले किसानों का बीमा कराया गया बल्कि रविवार को भी राष्ट्रीयकृत बैंक खुलवाकर प्रीमियम राशि जमा कराई गई थी।

 

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